बीजिंग। चीन ने गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र को अपना 5वां प्रांत बनाने की पाकिस्तान की योजना पर शुक्रवार को कोई भी सीधा जवाब देने से इंकार कर दिया और कहा कि कश्मीर मुद्दे का समाधान भारत एवं पाकिस्तान के बीच वार्ता के माध्यम से होना चाहिए।
जब पाकिस्तान की योजना के बारे में पूछा गया तो चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि आपके प्रश्न का सार कश्मीर मुद्दे के बारे में है। इस मुद्दे पर चीन की स्थिति निरंतर एवं स्पष्ट है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि हमारा मानना है कि यह भारत और पाकिस्तान के बीच इतिहास से छुट गया मुद्दा है। इसका समाधान दोनों देशों के बीच उपयुक्त ढंग से वार्ता के माध्यम से होना चाहिए। गिलगित बाल्टिस्तान क्षेत्र से गुजरने वाली 46 अरब डॉलर की चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी), जिस पर भारत ने चीन के सामने विरोध दर्ज कराया है, के बारे में हुआ ने कहा कि सीपीईसी प्रासंगिक (कश्मीर) मुद्दे पर चीन का रुख नहीं प्रभावित करेगा।
पाकिस्तान से आने वाली खबरों के अनुसार इन दोनों क्षेत्रों की कानूनी स्थिति को लेकर चीन के दबाव के बाद गिलगित व बाल्टिस्तान को नए प्रांत के रूप में शामिल करने का फैसला किया गया। ये दोनों ही चेत्र सीपीईसी के हिस्से हैं।
भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की सीमा पर स्थित गिलगित बाल्टिस्तान क्षेत्र को 5वां प्रांत बनाने की उसकी किसी भी संभावित कोशिश को गुरुवार को पूरी तरह अस्वीकार्य करार दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने नई दिल्ली में कहा कि ऐसा कोई भी कदम जम्मू-कश्मीर के हिस्सों पर पाकिस्तान के कब्जे की अवैधता को नहीं ढंक पाएगा और उसे इन क्षेत्रों को अवश्य ही अविलंब खाली करना चाहिए। (भाषा)