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चीन के खिलाफ भारत का 'ब्रह्मास्त्र'

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, बुधवार, 3 अगस्त 2016 (16:13 IST)
अब चीन भारत की ओर अपनी नजरें नहीं तरेर सकेगा। भारत ने उत्तर-पूर्व में चीन की सीमाओं के निकट क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस तैनात करने के फैसले का अनुमोदन कर दिया है।  इकोनॉमिक्स टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सरकारी सुरक्षा समिति की बैठक में यह फैसला किया गया था कि चीन की सीमा पर एक मोबाइल कमान चौकी तैनात की जाएगी, जिसके पास पांच मोबाइल मिसाइल लांचर और सौ ब्रह्मोस मिसाइल होंगे। 
ये मिसाइल भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश में तैनात किए जाएंगे। तय किया गया है कि वहां नवीनतम आधुनीकिकृत यूनिट तीन के ब्रह्मोस मिसाइल तैनात किए जाएंगे, जो ऊंचे पहाड़ी इलाकों में भी अपने लक्ष्य पर सटीक मार करते हैं। 
 
सुपर सोनिक की गति से दुश्मनों पर करता है वार: ब्रह्मोस मिसाइल तैनात करने का यह निर्णय अचानक नहीं लिया गया है। पिछले अनेक सालों से इस सिलसिले में चर्चा की जा रही थी।  ब्रह्मोस मिसाइल आवाज़ की गति से भी तेज गति से ठोस ईंधन पर चलने वाला एक ऐसा क्रूज मिसाइल है, जिसमें दो चरण बनाए हुए हैं। पहला चरण मिसाइल को स्टार्ट करके उसे गति देता है और दूसरा चरण पहले चरण से अलग होने के बाद लक्ष्य पर सटीक वार करता है। 
 
यह मिसाइल सुपरसोनिक गति से 290 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकता है। यह मिसाइल 10 मीटर की ऊंचाई से 15 किलोमीटर की ऊंचाई तक उड़ सकता है। इस मिसाइल पर 200 से 300 किलोग्राम तक के सामान्य बम तैनात किए जाते हैं। इस मिसाइल का उत्पादन 1988 में रूस और भारत द्वारा मिलकर स्थापित की गई संयुक्त कम्पनी ’ब्रह्मोस एयरोस्पेस’करती है। इस मिसाइल का नाम भारत की नदी ब्रह्मपुत्र और रूस की नदी मस्क्वा के नाम के पहले अक्षरों को मिलाकर रखा गया है।

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