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चीन ने ठोकी ताल, ट्रम्प के टैरिफ पर दी खुली जंग की चुनौती, कहा- हर मोर्चे पर तैयार

चीन ने कहा- चाहे टैरिफ वॉर हो, ट्रेड वॉर हो या कोई और जंग, अगर अमेरिका लड़ाई चाहता है, तो हम आखिरी दम तक लड़ने को तैयार हैं

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, गुरुवार, 6 मार्च 2025 (17:12 IST)
डोनाल्ड ट्रम्प की नई टैरिफ नीति ने वैश्विक मंच पर एक बार फिर से हलचल मचा दी है, लेकिन इस बार चीन ने पीछे हटने के बजाय सीधे जंग का बिगुल बजा दिया है। अमेरिका द्वारा 4 मार्च 2025 से चीनी सामानों पर 10% का नया शुल्क लगाए जाने के बाद चीन ने खुली चुनौती दी है। वाशिंगटन में चीनी दूतावास ने ट्रम्प के कांग्रेस में भाषण के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर धमाकेदार पोस्ट डालकर कहा कि 'चाहे टैरिफ वॉर हो, ट्रेड वॉर हो या कोई और जंग, अगर अमेरिका लड़ाई चाहता है, तो हम आखिरी दम तक लड़ने को तैयार हैं!' यह बयान उस आग में घी डालने जैसा है, जो पहले से ही दोनों देशों के बीच सुलग रही है। गौरतलब है कि फरवरी में भी ट्रम्प प्रशासन ने चीन पर 10% शुल्क लगाया था, जिसके बाद अब कुल शुल्क 20% तक पहुंच गया है। जवाब में चीन ने भी कुछ उत्पादों पर 15 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया था। 
 
ट्रम्प की चुनौती और चीन की हुंकार : ट्रम्प ने अपने भाषण में भारत, चीन और यूरोपीय संघ पर अमेरिकी सामानों, खासकर ऑटोमोबाइल्स पर भारी टैरिफ लगाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि जो शुल्क वे हम पर लगाते हैं, वही हम उन पर लगाएंगे। लेकिन चीन ने इस बार पलटवार करने में देर नहीं की। बीजिंग ने साफ कर दिया कि वह न तो दबाव में झुकेगा और न ही पीछे हटेगा। चीनी दूतावास के इस बयान ने साफ संदेश दिया है कि वह ट्रम्प की हर चाल का जवाब देने को तैयार है। क्या यह महज शब्दों की जंग है, या सचमुच वैश्विक अर्थव्यवस्था को हिला देने वाला एक नया व्यापार युद्ध शुरू होने वाला है?
 
5% वृद्धि का लक्ष्य : चीन की आर्थिक रणनीति : इस बीच, चीन ने अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव के बावजूद अपनी आर्थिक महत्वाकांक्षाओं को कम नहीं किया है। बुधवार को नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) के उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री ली कियांग ने 2025 के लिए 5% जीडीपी वृद्धि का लक्ष्य घोषित किया। यह लक्ष्य तब और भी साहसिक लगता है, जब ट्रम्प का नया टैरिफ हमला चीन के निर्यात पर भारी पड़ सकता है। ली ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “हम घरेलू मांग बढ़ाएंगे, 1.2 करोड़ नई नौकरियां पैदा करेंगे और हाई-टेक उद्योगों को बढ़ावा देंगे।” खास तौर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और 6G जैसे क्षेत्रों में भारी निवेश की योजना है। 
 
लेकिन क्या यह लक्ष्य हकीकत में बदल पाएगा? : अर्थशास्त्रियों का कहना है कि ट्रम्प के टैरिफ और वैश्विक मंदी के दबाव में 5% वृद्धि हासिल करना आसान नहीं होगा। हालांकि, पिछले साल दिसंबर में निर्यात में 10.7% की उछाल और 1 ट्रिलियन डॉलर के व्यापार अधिशेष ने चीन को आत्मविश्वास दिया है। फिर भी, ट्रम्प की नई नीति इस संतुलन को बिगाड़ सकती है।
 
वैश्विक मंच पर हलचल, भारत पर भी नजर : ट्रम्प की टैरिफ नीति का असर सिर्फ चीन तक सीमित नहीं है। भारत पर भी इसका दबाव पड़ सकता है, क्योंकि ट्रम्प ने भारत के 100% शुल्क का जिक्र करते हुए “जवाबी टैरिफ” की बात कही थी। गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर अमेरिका व्यापक टैरिफ लागू करता है, तो भारत की जीडीपी वृद्धि पर 0.6% तक असर पड़ सकता है। ऐसे में क्या भारत भी इस जंग का हिस्सा बनेगा? यह सवाल अभी हवा में है।
 
आगे क्या? जंग या समझौता : चीन की यह हुंकार और ट्रम्प की आक्रामक नीति वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा खतरा बन सकती है। शेयर बाजारों में पहले ही गिरावट शुरू हो चुकी है, और उपभोक्ताओं को कीमतों में उछाल का डर सता रहा है। क्या यह जंग सिर्फ शब्दों तक रहेगी, या दोनों देश सचमुच आर्थिक रणभूमि में उतरेंगे? अगर चीन अपनी बात पर अड़ा रहा और ट्रम्प ने अपने 60% टैरिफ के वादे को पूरा किया, तो यह युद्ध न सिर्फ इन दो देशों, बल्कि पूरी दुनिया को प्रभावित कर सकता है। 

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