बीजिंग। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात से पहले कश्मीर को लेकर चीन ने बड़ा बयान दिया है। चीन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच नियोजित दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के दौरान कश्मीर मुद्दा संभवत: चर्चा का 'बड़ा विषय' नहीं होगा।
चीन की ओर से मंगलवार को कही गई यह बात इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि भले ही उसका करीबी सहयोगी पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द करने के भारत के फैसले पर जोरशोर से अभियान चला रहा हो, लेकिन चीन को इस मुद्दे में खास दिलचस्पी नहीं है।
5 अगस्त को भारत सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द किए जाने के फैसले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था। पाकिस्तान ने भारत के साथ अपने कूटनीतिक संबंधों का दर्जा घटा दिया था और भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया था।
चीन की एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह मोदी और शी पर निर्भर करेगा कि वे किन मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि कश्मीर एजेंडा में शामिल होगा या नहीं, मैं इस बारे में आश्वस्त नहीं हूं, क्योंकि यह एक अनौपचारिक शिखर वार्ता और नेताओं की बैठक है। मेरे विचार में हमें नेताओं को उस पर चर्चा करने के लिए अधिक वक्त देना चाहिए जिस पर वे चर्चा करना चाहें। हुआ ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच कश्मीर चर्चा का बड़ा विषय संभवत: नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि मेरे विचार में कश्मीर जैसे मुद्दे, मुझे नहीं लगता कि बातचीत में बड़े विषय के रूप में शामिल किए जाएंगे, यह मेरी समझ है। हुआ ने एक सवाल के जवाब में कहा कि लेकिन यह नेताओं पर है कि वे जो विषय चाहें, उस पर बात करें।
पाकिस्तान को मिला था चीन का साथ : पाकिस्तान का चिरकालिक दोस्त चीन पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा ले जाने का प्रयास कर चुका है, लेकिन बीजिंग और इस्लामाबाद दोनों की अनदेखी करते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बंद दरवाजे के पीछे हुई बैठक बेनतीजा रही।
कश्मीर मुद्दे के समाधान पर चीन के रुख को लेकर पूछे गए सवाल पर हुआ ने दोहराया कि हमने कश्मीर को हमेशा से भारत और पाकिस्तान के बीच एक समस्या के तौर पर लिया है। उन्होंने कहा कि और हम जानते हैं कि कश्मीर को लेकर संयुक्त राष्ट्र के कुछ प्रस्ताव हैं, इसलिए हमें उम्मीद है कि यह मुद्दा संयुक्त राष्ट्र चार्टर और संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों के अनुरूप भारत और पाकिस्तान के बीच दोस्ताना एवं शांतिपूर्ण तरीके से हल किया जाएगा।
राष्ट्रपति शी के अगले महीने भारत आने की बात पर हुआ ने कहा कि दोनों देश एक-दूसरे से करीबी संपर्क में हैं लेकिन दौरे की तिथि और स्थान उन्होंने नहीं बताया।