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चीनी हैकर्स ने लगाई अमेरिकी नौसेना में सेंध, चुराया युद्ध योजना से जुड़ा डाटा

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वाशिंगटन , शनिवार, 9 जून 2018 (08:30 IST)
वाशिंगटन। चीनी सरकार के हैकर्स ने अमेरिकी नौसेना के कॉन्ट्रैक्टर से नई तरह की जहाज रोधी मिसाइल विकसित करने की गोपनीय योजना समेत समुद्र के नीचे युद्ध से संबंधित कई अति संवेदनशील जानकारियां चोरी कर ली है। 
 
द वाशिंगटन पोस्ट की एक खबर के मुताबिक, जनवरी और फरवरी में करीब 614 गीगाबाइट जानकारी चोरी की गई। इनमें वर्ष 2020 तक अमेरिकी पनडुब्बियों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाली सुपरसोनिक जहाज रोधी मिसाइल विकसित करने की गोपनीय योजना भी शामिल है। 
 
अखबार ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से कहा है कि चोरी की गई गोपनीय जानकारी में सी ड्रैगन नाम की गोपनीय परियोजना से संबंधित सूचना भी है। साथ ही सिग्नल्स और सेंसर डेटा तथा नौसेना की पनडुब्बी विकास ईकाई की इलेक्ट्रॉनिक युद्ध संबंधी लाइब्रेरी भी इसमें शामिल है। 
 
चीनी हैकर्स ने एक कॉन्ट्रैक्टर के कम्प्यूटरों को हैक करके ये जानकारियां चुराई। अखबार ने कॉन्ट्रैक्टर के नाम का खुलासा नहीं किया है। 
 
अखबार ने बताया कि इस खबर के प्रकाशन के बाद पेंटागन के इंस्पेक्टर जनरल कार्यालय ने कहा कि रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने साइबर सुरक्षा मुद्दों के कॉन्ट्रैक्टर की समीक्षा करने के लिए कहा है। अधिकारियों ने बताया कि नौसेना एफबीआई की मदद से इस चोरी की जांच कर रही है। 
 
चीनी हैकर्स वर्षों से जानकारी चुराने के लिए अमेरिकी सेना को निशाना बनाते रहे हैं और पेंटागन ने कहा कि उन्होंने पहले नए एफ -35 स्टील्थ लड़ाकू विमान, पैट्रॉइट पीएसी-3 मिसाइल प्रणाली और अन्य अति संवेदनशील परियोजनाओं पर अहम जानकारियां चोरी की थी।
 
अमेरिकी नौसेना ने कहा, 'नियमों के अनुसार कंपनियों को साइबर घटना होने की स्थिति में सरकार को इसकी सूचना देनी पड़ती है। साइबर घटना से उनके नियंत्रित और गैर श्रेणीबद्ध सूचनाओं के नेटवर्क पर विपरित प्रभाव पड़ता है। इस संबंध में इस समय विस्तृत चर्चा करना उचित नहीं है।'
 
चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि चीन के दूतावास को इस हैकिंग प्रकरण के बारे में कोई जानकारी नहीं है। चीन निष्ठा पूर्वक साइबर सुरक्षा को बनाए रखता है। चीन कानून के अनुसार साइबर हमलों के सभी स्वरूपों का मजबूती के साथ विरोध करता है। (वार्ता) 

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