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चीन का आतंकी मसूद अजहर पर प्रतिबंध का फिर विरोध

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बीजिंग , शनिवार, 8 अक्टूबर 2016 (22:26 IST)
बीजिंग। चीन ने पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने को रोकने के लिए अपनी दूसरी तकनीकी अड़चन का बचाव करते हुए कहा कि भारत के आवेदन पर अलग-अलग राय थी और बीजिंग का कदम ‘प्रासंगिक पक्षों’ को विचार-विमर्श करने का और समय देगा।
भारत की आलोचना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की समिति संख्या 1267 को सदस्य देशों द्वारा सौंपे गए आवेदन को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों की विशेष जरूरतों का अवश्य अनुपालन करना चाहिए। भारत ने कहा था कि अजहर पर प्रतिबंध के प्रयासों की राह में चीन की दूसरी तकनीकी अडचन खतरनाक संदेश भेजेगा।
 
चीन 15 सदस्यीय यूएनएससी का एकमात्र सदस्य है जिसने अजहर पर प्रतिबंध का विरोध किया है। उसका का दावा है कि अजहर के खिलाफ भारत के आवेदन पर अलग-अलग राय है। भारत की कड़ी प्रतिक्रिया से जुड़े सवाल पर पीटीआई को भेजे गए लिखित जवाब में मंत्रालय ने कहा कि ‘इस साल मार्च में किए गए भारत के आवेदन पर अब भी अलग-अलग राय है। इसपर तकनीकी रोक लगाना समिति को मामले पर विचार करने और संबंधित पक्षों को इसपर और विचार-विमर्श करने के लिए और समय मुहैया कराएगा।’
 
और विचार-विमर्श’ का उल्लेख वस्तुत: इस मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे विचार-विमर्श के संदर्भ में किया गया है।चीन ने पठानकोट आतंकवादी हमले में अजहर की कथित संलिप्तता के बाद भारत के आवेदन पर छह महीने पहले पहली बार अड़ंगा लगाया था।
 
चीन ने इस सप्ताह के दौरान दूसरी बार तकनीकी रोक को तीन महीने के लिए और बढ़ा दिया था। ऐसा नयी दिल्ली और बीजिंग के बीच विभिन्न स्तरों पर कई विचार-विमर्श के बावजूद किया गया। यह मुद्दा 15 और 16 अक्तूबर को गोवा में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच होने वाली बैठक के दौरान उठने की उम्मीद है। (भाषा)

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