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चीन ने भारत के खिलाफ बिछाया जाल, भारत ने भी की तैयारी..

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, गुरुवार, 16 जून 2016 (12:35 IST)
भारत-अमेरिका के बढ़ते संबंधों से चिंतित चीन ने NSG ग्रुप की सदस्यता के लिए भारत की कोशिशों का जोरदार विरोध किया है। इसका साथ देते हुए चीन की आधिकारिक मीडिया ने दावा किया कि नई दिल्ली को सदस्यता न केवल पाकिस्तान की तकलीफ बढ़ाएगी, बल्कि क्षेत्र में परमाणु हथियारों की होड़ को भी बढ़ावा देगी। इससे बीजिंग के राष्ट्रीय हितों को भी खतरा पहुंचेगा।  
 

चीनी मीडिया ने 'India mustn't let nuclear ambitions blind itself' टाइटल से एक रिपोर्ट में भारत की कोशिशों का विरोध किया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी मुद्दे पर चीन सरकार के रवैये का पहली बार वहां के मीडिया ने खुलकर सपोर्ट किया है। इसके मुताबिक चीन भारत की परमाणू मह्त्वकांक्षा को आंख बंदकर सपोर्ट नहीं कर सकता है। 
उल्लेखनीय है कि भारत और पाकिस्तान दोनों ही परमाणु संपन्न राष्ट्र हैं। दोनों ही एक दूसरे के परंपरागत शत्रु हैं और एक-दूसरे की परमाणु क्षमता को लेकर अलर्ट रहते हैं। चीने के अनुसार पाकिस्तान इस दौड़ में इंडिया से पीछे नहीं रहना चाहता है। इससे निश्चित तौर पर एक खतरनाक परमाणु रेस शुरू होगी। इससे न सिर्फ एशिया की क्षेत्रीय सुरक्षा पर खतरा होगा बल्कि चीन के राष्ट्रीय हित भी खतरे में पड़ेंगे।
 
इस बीच चीन के समर्थन पर पाक ने दावा किया है कि भारत के मुकाबले हमारी दावेदारी ज्यादा मजबूत है। पाकिस्तान के विदेशी मामलों के एडवाइजर सरताज अजीज ने एक इंटरव्यू में कहा कि एनएसजी ग्रुप की मेंबरशिप को लेकर उसकी दावेदारी भारत के मुकाबले ज्यादा मजबूत है। अजीज के मुताबिक, अगर 48 देशों का यह ग्रुप एनपीटी (नॉन प्रोलिफरेशन ट्रीटी) देशों को लेकर समान क्राइटेरिया पर रजामंद हो तो साख के मामले में पाकिस्तान भारत पर भारी पड़ेगा। 
 
उन्होंने कहा कि नॉन एनपीटी देशों के लिए क्राइटेरिया बेस्ड अप्रोच को लेकर पाकिस्तान कूटनीतिक तौर पर कई देशों से बातचीत कर रहा है। हमारी स्ट्रैटजी भारत के बाद मेंबरशिप के लिए अप्लाई करने की थी। पर अब हम इस पर तुरंत अमल करेंगे। अजीज ने कहा कि हमने इस मकसद से अपनी एप्लिकेशन तीन महीने पहले ही तैयार कर ली थी।
 
अजीज ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान क्राइटेरिया बेस्ड अप्रोच को लेकर धीरे-धीरे सपोर्ट जुटा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते मैंने इस बाबत रूस, न्यूजीलैंड और साउथ कोरिया के फॉरेन मिनिस्टर्स को फोन किया था। चीन पहले से ही हमारा सपोर्ट कर रहा है। अजीज ने यह भी कहा कि अमेरिका 'बिल्डअप इंडिया' पॉलिसी बनाकर इस्लामिक वर्ल्ड और चीन को घेर रहा है।
आगे पढ़िए क्या है भारत की तैयारी, मोदी ने बनाया खास प्लान... 

चीन और पाकिस्तान के बढ़ते दबाव के मद्देनजर अब भारत ने भी जोरदार लॉबिंग करनी शुरू कर दी है। एनएसजी ग्रुप में भारत की मेंबरशिप को लेकर चीन के अड़ियल रवैये को देखते हुए अब नरेंद्र मोदी ने रूस की ओर कदम बढ़ाए हैं। मोदी ने प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन को बीते शनिवार फोन कर इस बाबत बात की है। उल्लेखनीय है कि रूस ने न्यूक्लियर डील को लेकर यूएन सिक्युरिटी काउंसिल में भारत के रुख का सपोर्ट किया है।
 
क्रेमलिन की ओर से जारी बयान के मुताबिक फोन कॉल मोदी ने किया। इस दौरान दोनों लीडर्स ने बाइलेटरल रिलेशन्स को लगातार मजबूत बनाने पर जोर दिया। बातचीत दोनों देशों के बीच प्रैक्टिकल इश्यूज और को-ऑपरेशन पर फोकस रही। मोदी और पुतिन ने जल्द मुलाकात की पॉसिबिलिटी पर भी बात की। 24 जून को सिओल में होने वाली एनएसजी देशों की मीटिंग से पहले मोदी वर्ल्ड के कुछ बड़े नेताओं से मिल सकते हैं। इनमें चीन के प्रेसिडेंट शी जिनपिंग भी शामिल हैं। 

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