वॉशिंगटन। जलवायु परिवर्तन के कारण वातावरण में ऐसी ऊर्जा उत्पन्न हो रही है, जो गर्मियों के मौसम को बेहद गर्म बना देगी, जिससे भारत समेत उत्तरी गोलार्ध के क्षेत्रों में मौसमी स्थितियां निष्क्रिय हो सकती हैं और भयंकर तूफान आ सकते हैं।
मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के एक अध्ययन में पाया गया कि वैश्विक तापमान खासकर आर्कटिक में तापमान बढ़ने से वातावरण में ऊर्जा पुनर्वितरित हो रही है। तूफानों एवं अन्य स्थानीय, संवहन (ऊष्मा का स्थानांतरण) प्रक्रियाओं को उत्तेजित करने के लिए ज्यादा ऊर्जा मौजूद है, जबकि कम ऊर्जा गर्मियों के अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय चक्रवात (मध्यम मौसमी तंत्र जो हजारों किलोमीटर की दूरी तक फैला होता है) की तरफ जा रही है।
ये प्रणालियां सामान्य तौर पर बारिश लाने वाली हवाओं के साथ जुड़ी होती हैं। एमआईटी में स्नातक के छात्र चार्ल्स गर्टलर ने कहा, अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय तूफान वायु एवं वायु प्रदूषण को ठंडा करते हैं, इसलिए गर्मी में कमजोर अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय तूफानों के चलते शहरी इलाकों में वायु गुणवत्ता ज्यादा दिनों तक खराब देखने को मिलती है।
गर्टलर ने कहा, शहरी वायु गुणवत्ता के अलावा आपको ज्यादा भयंकर तूफान एवं ज्यादा लंबे समय तक गर्म लहरों के साथ ही बेजान दिनों का सामना करना पड़ सकता है। यह अध्ययन प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।