Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

ऐसे मिला था दुनिया का पहला ‘डेथ सर्ट‍िफि‍केट’ जिसमें मौत की वजह थी ‘वायु प्रदूषण’

हमें फॉलो करें ऐसे मिला था दुनिया का पहला ‘डेथ सर्ट‍िफि‍केट’ जिसमें मौत की वजह थी ‘वायु प्रदूषण’
, सोमवार, 6 दिसंबर 2021 (17:34 IST)
दुनिया में कहीं भी आज तक ऐसा प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया, जिसमें मौत की वजह वायु प्रदूषण बताई गई हो। लेकिन एक मामले में ऐसा हुआ है, हालांकि इसके लिए बहुत लंबी मशक्‍कत करना पड़ी।

दरअसल, दुनिया में लाखों की हर साल वायु प्रदूषण की वजह से मौत हो जाती है। खुद विश्व स्वास्थ्य संगठन इस बात को मानता है कि हर साल 42 लाख लोग वायु प्रदूषण के पैदा होने वाली बीमारियों की वजह से मरते हैं।

लेकिन अभी दुनिया में कहीं भी किसी व्यक्ति के मृत्य प्रमाण पत्र पर मौत का कारण वायु प्रदूषण नहीं लिखा जाता है। बल्कि अभी तक केवल एक ही बार ऐसा हुआ है जब किसी के मृत्यु प्रमाण पत्र में मौत की वजह से को वायु प्रदूषण लिखा गया है। लेकिन इसके लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी गई, जो करीब 7 साल तक चली थी।

जलवायु परिवर्तन  पर हुए सम्मेलन में ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को रोकने पर जोर दिया गया। दुनिया में हर तरफ वायु प्रदूषण भी भयावह स्थितियों में पहुंच रहा है। वायु प्रदूषण (Air Pollution) की वजह से बीमार होने वाले लोगों की संख्या में तेजी से वृद्धि तो हो ही रही है। इसकी वजह से मरने वालों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है, लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि दुनिया में एक ही बार किसी मौत के डेथ सर्टिफिकेट पर लिखा गया था कि मौत वायु प्रदूषण से हुई है।

दुनिया के किसी भी देश में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि किसी के मरने के बाद उसके डेथ सर्टिफिकेट में मौत का कारण वायु प्रदूषण लिखा जाता हो। लेकिन एक बार यह अनोखा काम हुआ है। साल 2013 ब्रिटेन में एक नौ साल की बच्ची को घातक अस्थमा की शिकायत हुई थी जिसके बाद उसके डेथ सर्टिफिकेट में उसकी मृत्यु का कारण वायु प्रदूषण लिखा गया।

लंदन में रहने वाली एला किसी डेबराह की मौत के सात साल बाद एक आदेश के जरिए उसके मृत्यु प्रमाण पर यह लिखने को कहा गया कि उसकी मौत की वजह वायु प्रदूषण था। इसके बाद ही एला का मृत्यु प्रमाण पत्र दुनिया का पहला ऐसा मामला हो गया, जिसमें आधिकारिक तौर पर माना गया कि मृत्यु प्रदूषण की वजह से हुई थी।

एला का मुत्यु प्रमाण पत्र उन लाखों लोगों के लिए एक बड़ी पहचान के रूप में सामने आएगा जो हर साल दुनिया भर में वायु प्रदूषण की वजह से मर रहे हैं। किकी डेबराह की मां रोजामंड ने अपने बेटी की मौत पर ब्रिटेन में प्रदूषण की समस्या पर लंबी लड़ाई लड़ी।

2014 में विशेषज्ञों ने ऐलान भी कर दिया था कि एला की मौद उसके श्वसन तंत्र की नाकामी की वजह से हुई थी। लेकिन रोजमंडल ने दूसरी जांच की मांग की और अंततः दिसंबर 2020 में उन्होंने यह लड़ाई जीती।

अदालत के इस आदेश में माना गया कि एला की मौत भले ही गंभीर रूप से खराब हुए फेफड़ों के कारण हुई हो जो अस्थमा से पीड़ित थे, लेकिन उसकी वजह लंदन का वह वायु प्रदूषण था जो एला के इलाज के समय यूरोपीय यूनियन के मानकों के स्तर से कहीं ज्यादा खतरनाक था।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Omicron की दस्तक से सहमा सेंसेक्स, लगाया 949 अंक का गोता, निफ्टी में भी गिरावट