कोरोना वायरस (Corona virus) ने चीन की अर्थव्यवस्था को ध्वस्त कर दिया है। कोरोना वायरस को लेकर देश में हाहाकार मचा हुआ है, वहीं इस वायरस के कारण चीन के प्रदूषण में भारी कमी दर्ज की गई है। नासा (National Aeronautics and Space Administration) ने तस्वीरें जारी की हैं, जिसमें कारों, बिजली संयंत्रों, उद्योगों से निकलने वाली जहरीली नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी देखी गई है। इस गैस के कारण सांस की बीमारियों का खतरा रहता है।
नासा ने जारी चित्रों में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के गिरते स्तर को दिखाया है, जो वायरस के कारण हुई आर्थिक मंदी के कारण हुआ था। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने बयान में कहा कि इस बात के सबूत हैं कि कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद आर्थिक मंदी के कारण ही यह गिरावट देखने को मिली है।
QAir की रिपोर्ट के मुताबिक हॉटन और काशगर को दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में माना जाता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक 2005 और 2019 के बीच समान अवधि के दौरान नाइट्रोजन डाइऑक्साइड की दर औसतन 30 प्रतिशत कम थी। यह पहली बार नहीं है जब चीन में वायु प्रदूषण के स्तर में इतनी गिरावट आई है।
नासा ने बताया कि इससे पहले वैज्ञानिकों ने साल 2008 के ओलंपिक के दौरान बीजिंग के आसपास भी प्रदूषण में भारी गिरावट दर्ज की थी, लेकिन इसका प्रभाव ज्यादातर स्थानीय इलाके में ही था और ओलंपिक खत्म होने के बाद प्रदूषण का स्तर फिर से बढ़ गया था।
चीन में कोरोना वायरस से मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 3097 हो गया है। प्रशासन ने कहा कि उनके पास अभी 44 नए मामलों की पुष्टि हुई है जो कोरोना वायरस से पीड़ित हैं। इस बीच 84 संदिग्ध मामले भी सामने आए हैं। शनिवार को 1661 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दी गई है।
नासा के अर्थ ऑब्जर्वेटरी ने कहा कि हाल में दर्ज की गई गिरावट का कारण लूनर न्यू ईयर भी हो सकता है। हालांकि शोधकर्ताओं का मानना है कि प्रदूषण में आई यह कमी न तो छुट्टियों की वजह से है और न ही इसका किसी प्रकार के मौसम से संबंध है।