Hydrogen bus service : हरित गतिशीलता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख ने दुनिया की सबसे अधिक ऊंचाई पर भारत की पहली हाइड्रोजन ईंधन सेल बस सेवा की आधिकारिक शुरुआत देखी है। लेह के पालम क्षेत्र में एनटीपीसी ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी स्टेशन में आयोजित एक औपचारिक समारोह में एनटीपीसी लिमिटेड द्वारा राज्य औद्योगिक विकास निगम (सिडको), केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख को 5 हाइड्रोजन संचालित बसें सौंपी गईं।
यह मील का पत्थर न केवल भारत में हाइड्रोजन ईंधन सेल बसों की पहली वाणिज्यिक तैनाती को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक बेंचमार्क भी स्थापित करता है, क्योंकि लेह इस तरह के उन्नत स्वच्छ-ऊर्जा परिवहन को चालू करने वाला दुनिया का सबसे अधिक ऊंचाई वाला क्षेत्र बन गया है। लांच कार्यक्रम में परिवहन विभाग के प्रशासनिक सचिव भूपेश चौधरी, लेह के अतिरिक्त उपायुक्त और एनटीपीसी और सिडको के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
बसों को प्रतीकात्मक रूप से हरी झंडी दिखाने के बाद सचिव भूपेश चौधरी ने ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट का निरीक्षण किया और साइट पर स्थापित उत्पादन, भंडारण और वितरण प्रणालियों की समीक्षा की। उन्होंने एनटीपीसी की पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की परियोजनाएं लद्दाख के कार्बन तटस्थ क्षेत्र बनने के दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।
बाद में एनटीपीसी की टीम ने परियोजना के सफल कार्यान्वयन के बारे में जानकारी देने के लिए यूटी के मुख्य सचिव पवन कोतवाल से मुलाकात की। मुख्य सचिव ने इस पहल को एक बड़ी तकनीकी उपलब्धि बताया और इस बात पर जोर दिया कि इस परियोजना से प्राप्त ज्ञान और परिचालन अंतर्दृष्टि को देशभर में इसी तरह की परियोजनाओं के लिए खाका तैयार करने के लिए प्रलेखित किया जाना चाहिए। एनटीपीसी और लद्दाख प्रशासन के बीच इस सहयोगी उद्यम को भारत के अक्षय ऊर्जा रोडमैप में एक गेमचेंजर के रूप में देखा जा रहा है।
यह विशेष रूप से लद्दाख जैसे पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में स्थाई नवाचार और स्वच्छ ऊर्जा के प्रति देश की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। लेह में ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी परियोजना से पूरे भारत में इसी तरह की तैनाती को प्रेरित करने की उम्मीद है, जिससे देश हाइड्रोजन ऊर्जा अग्रदूतों के वैश्विक मानचित्र पर मजबूती से स्थापित हो जाएगा।