वॉशिंगटन। अमेरिका (America) में नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी (Democratic Party) ने जो बाइडेन (Joe Biden) के अपना उम्मीदवार होने की आधिकारिक घोषणा कर दी है। उनका मुकाबला मौजूदा राष्ट्रपति एवं रिपब्लिकन पार्टी (Republican Party) से उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के साथ होगा।
डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य एवं अमेरिका के दो पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और जिम्मी कार्टर तथा पूर्व विदेश मंत्री जॉन केरी ने मंगलवार को उनके नाम पर मुहर लगा दी। मंगलवार को डेमोक्रेटिक (पार्टी के) राष्ट्रीय सम्मेलन (डीएनसी) का दूसरा दिन था।
सम्मेलन में पार्टी के 50 राज्यों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति दर्ज किए जाने के बाद बाइडेन की उम्मीदवारी पर मोहर लगी। पूर्व विदेश मंत्री एवं रिपब्लिकन कोलिन पॉवेल ने भी बाइडेन (77) की उम्मीदवारी का समर्थन किया है।
बाइडेन ने कोरोनावायरस महामारी के बीच चार दिवसीय सम्मेलन में अपने नाम की आधिकारिक घोषणा होने को स्वीकार करते हुए और अपने संबोधन का जिक्र करते हुए कहा कि मैं आपसे गुरुवार को मिलूंगा। बाद में एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उम्मीदवारी स्वीकार करना मेरे जीवन के लिए सम्मान की बात है।
बाइडेन की पत्नी जिल बाइडेन ने कहा कि निर्वाचित होने पर उनके पति व्हाइट हाउस के नेतृत्व को राष्ट्र के लिए ऐसे समय में काबिल बनाएंगे जब अभूतपूर्व कोरोनावायरस महामारी और आर्थिक मंदी है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग हैं जो हमसे कहना चाहते हैं कि हमारा देश असहाय महसूस करते हुए बंट गया है...लेकिन मैंने इन महीनों में ऐसा नहीं देखा है। जिल ने कहा कि हमने दिखा दिया है कि इस देश का दिल अब भी दया और साहस के साथ धड़कता है।
यह अमेरिका की आत्मा है, जिसके लिए अब जो बाइडेन लड़ रहे हैं। उन्होंने डेलवर में ब्रैंडीवाइन हाईस्कूल की कक्षा के अंदर से अपने भाषण में कहा कि हमें हमारे राष्ट्र के लिए-आपके लिए काबिल नेतृत्व की जरूरत है। जिल इसी स्कूल में 1990 के दशक में अंग्रेजी पढ़ाया करती थीं।
उल्लेखनीय है कि (पूर्व राष्ट्रपति बराक) ओबामा प्रशासन के कार्यकाल के दौरान बाइडेन ने भारत के साथ हुए असैन्य परमाणु समझौते को अमेरिकी कांग्रेस (संसद) की मंजूरी दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई थी। पिछले हफ्ते बाइडेन ने भारतीय मूल की सीनेटर (अमेरिकी संसद के उच्च सदन की सदस्य) कमला हैरिस को उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार नामित कर इतिहास रच दिया है।
बाइडेन जनवरी 2009 से जनवरी 2017 तक अमेरिका के उप राष्ट्रपति रह चुके हैं। हैरिस ने ट्वीट किया कि हमारे देश के हृदय और आत्मा को दिखाने वाली शानदार भूमिका के आह्वान के बाद अब आधिकारिक मुबारक, जो बाइडेन।
गौरतलब है कि रियल क्लीयर पॉलिटिक्टस के सर्वेक्षणों के औसत के मुताबिक राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर बाइडेन को पूरे देश में 7.7 प्रतिशत की बढ़त हासिल है। हालांकि जून के सर्वेक्षणों में मिली 10.2 प्रतिशत की बढ़त से यह कम है। उधर ट्रम्प (74) को रिपब्लिकन पार्टी अगले हफ्ते होने जा रहे डिजिटल सम्मेलन में अपना आधिकारिक प्रत्याशी नामित करेगी।
पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने डिजिटल सम्मेलन में कहा कि बाइडेन ने पहले अमेरिका को मंदी से बाहर लाने में मदद की थी और एक बार फिर व यह करेंगे।उन्होंने कहा कि जो अमेरिका को दोबारा निर्मित करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।
क्लिंटन ने पांच मिनट के संदेश में कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प कहते हैं कि हम विश्व का नेतृत्व कर रहे हैं। खैर, हम दुनिया के सबसे बड़े औद्योगिकीकरण वाली एकमात्र अर्थव्यवस्था हैं और हमारी बेरोजगारी दर तिगुनी है।
उन्होंने कहा कि आज के वक्त में ओवल ऑफिस (अमेरिकी राष्ट्रपति का कार्यालय) को कमान केंद्र होना चाहिए न कि उथल-पुथल पैदा करने वाला। वहां अभी केवल अफरा-तफरी है। कार्टर ने कहा कि बाइडेन अमेरिकी इतिहास में इस समय सही व्यक्ति हैं।
ट्रंप-बाइडेन हिन्दू मतदाताओं को रिझाने में जुटे : अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन के प्रचार अभियान छोटे धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों को रिझाने में पूरी शिद्दत से जुट गए हैं और ऐसा पहले कभी देखने को नहीं मिला था। इससे अमेरिका में हिन्दुओं के बढ़ते राजनीतिक महत्व का संकेत मिलता है। अमेरिका की 2016 की आबादी में हिन्दुओं का प्रतिनिधित्व करीब एक प्रतिशत था।
मौजूदा राष्ट्रपति एवं रिपब्लिकन पार्टी से उम्मीदवार ट्रंप के प्रचार अभियान ने उनके दोबारा व्हाइट हाउस पहुंचने पर अमेरिका में हिन्दुओं के लिए धार्मिक स्वतंत्रता की राह में आने वाली अड़चनों को कम करने का वादा किया है। दूसरी ओर उनके प्रतिद्वंद्वी एवं डेमोक्रेट उम्मीदवार बाइडेन के प्रचार अभियान ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने (पूर्व उपराष्ट्रपति बाइडेन ने) हिन्दू समुदाय से संपर्क साधने को प्राथमिकता दी है।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में पहली बार ट्रंप के प्रचार अभियान ने 14 अगस्त को ‘ट्रंप के लिये हिन्दू आवाज’ के गठन की घोषणा की थी। इसके दो दिन बाद, हिन्दू समुदाय की प्रख्यात नेता नीलिमा गोनुगुंतला ने डेमोक्रेटिक राष्ट्रीय सम्मेलन को शुरू करने के लिए अंतर-धार्मिक प्रार्थना में भागीदारी की। इस बारे में बाइडेन के प्रचार अभियान ने कहा कि यह अमेरिका में हिन्दुओं का राजनीतिक महत्व बढ़ने का एक और संकेत है। (भाषा)