वॉशिंगटन। धरती पर 6.6 करोड़ साल पहले एक विनाशकारी क्षुद्रग्रह गिरा था और तब यहां 75 फीसदी जीवन समेत डायनासोर के साम्राज्य का सफाया हो गया था। लेकिन इस टक्कर से जो गहरा गड्ढा (क्रेटर) बना था उसमें महज 10 साल के अंदर ही फिर जीवन लौट आया था। वैज्ञानिकों ने ऐसा कहा है।
अमेरिका के टेक्सास विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि यह विशाल गड्ढा महज 10 साल से भी कम समय में समुद्री जीवन का घर बन गया। उसमें महज 30,000 साल के अंदर एक फलता-फूलता पारस्थितिकी तंत्र बन गया, जो धरती पर किसी अन्य स्थल पर सामान्य (जीवन) स्थिति बनने की गति से अधिक तेज रफ्तार थी।
इस अध्ययन से यह सिद्धांत बौना हो जाता है कि ऐसी टक्कर से बनने वाले विशाल गड्ढों के आसपास स्थिति (जीवन) सामान्य होने की रफ्तार जहरीले धातु, जो टक्कर की वजह से निकलते हैं, काफी कम हो जाती है।
यह साक्ष्य दर्शाता है कि दुनियाभर में ऐसे में स्थिति सामान्य होने में स्थानीय कारकों का बड़ा असर होता है। इन निष्कर्ष का पर्यावरण पर असर हो सकता है, जो आज जलवायु परिवर्तन के प्रभाव में है। टेक्सास विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ जियोफिजिक्स के अनुसंधानकर्ता क्रिस लावेरी ने कहा कि हमने क्रेटर में कुछ ही सालों के अंदर जीवन पाया, जो वाकई बहुत तेज है। (भाषा)