वाशिंगटन। ट्रंप प्रशासन ने चीन को मुद्रा में फेरबदल करने वाले देश के रूप में चिन्हित करने से आधिकारिक तौर पर इनकार कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए एक अन्य बड़ा यू-टर्न है क्योंकि अपने प्रचार अभियान के दौरान ट्रंप ने बार-बार संकल्प लिया था कि पदभार संभालने के बाद वह जल्दी ही इस दिशा में कदम उठाएंगे।
वित्त मंत्रालय का यह हालिया फैसला उन लगभग छह मामलों में से एक है, जिनमें ट्रंप या उनका प्रशासन चुनावी वादों से पीछा हटता दिखा है।
चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने नाटो को 'अप्रासंगिक' कहा था लेकिन इस सप्ताह उन्होंने कहा कि अब नाटो अप्रासंगिक नहीं है। रूस और सीरियाई राष्ट्रपति बशर-अल असद के मुद्दे पर भी ट्रंप का रूख पूरी तरह उलट चुका है।
शुक्रवार को वित्त मंत्रालय ने कांग्रेस को सौंपी अपनी छमाही रिपोर्ट में कहा कि उसने निगरानी सूची में चीन, जर्मनी, जापान, कोरिया, स्विट्जरलैंड और ताइवान का नाम डाला है। ये वे देश हैं, जिनपर उनके मुद्रा संबंधी क्रियाकलापों के लिए करीबी नजर रखी जानी चाहिए।
मंत्रालय ने कहा कि चीन और जर्मनी दोनों को ही अमेरिका को किए जाने वाली अतिरिक्त निर्यात की मात्रा को कम करने के लिए अधिक प्रयास करने चाहिए। (भाषा)