बीजिंग। अधिक से अधिक चीनी पर्यटकों को आकर्षित करने की मुहिम के तहत भारत ने चीनी पर्यटकों के लिए ई-वीजा के नियमों में ढील दी है। यह घोषणा ऐसे समय में की गई है, जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत यात्रा पर आए हुए हैं। यहां भारतीय दूतावास ने शनिवार को यह जानकारी दी। शी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ अपनी दूसरी अनौपचारिक बैठक के लिए शुक्रवार को तमिलनाडु के ऐतिहासिक तटीय शहर मामल्लापुरम पहुंचे थे।
दूतावास के अनुसार भारत ने चीनी सैलानियों के लिए एकाधिक प्रवेश सुविधाओं के साथ 5 साल के टूरिस्ट ई-वीजा की घोषणा की। अधिक से अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से यह घोषणा ऐसे समय में हुई है, जब चीनी राष्ट्रपति भारत यात्रा पर आए हैं।
इसके अनुसार, यह अपेक्षित है कि चीनी नागरिकों के लिए इस एकपक्षीय ई-टूरिस्ट वीजा को उदार बनाने से दोनों देशों के बीच लोगों का लोगों से संपर्क बढ़ेगा और इससे पर्यटन स्थल के तौर पर चीनी सैलानी भारत का चयन करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
भारत पहले से ही चीनी पर्यटकों को ई-वीजा की सुविधा उपलब्ध करा रहा है। फिर भी चीनी पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय इजाफा नहीं हुआ है। पिछले साल सिर्फ 2.50 लाख चीनी सैलानी भारत आए थे जबकि भारत से साढ़े 7 लाख पर्यटक चीन गए थे। अब फिर चीनी नागरिकों के लिए ई-वीजा सुविधा में ढील दी गई है।
अधिकारियों ने यहां बताया कि भारत ने शुक्रवार को 5 वर्षीय ई-सुविधा में चीनी नागरिकों को शामिल करने की घोषणा की, जो कई देशों के पर्यटकों को दी जाती है। विज्ञप्ति के अनुसार 5 वर्षीय एकाधिक प्रवेश के लिए वीजा शुल्क 80 अमेरिकी डॉलर होगा।
इसके अलावा यह भी फैसला किया गया है कि संभावित सैलानी पहले से कम दर यानी 25 अमेरिकी डॉलर के वीजा शुल्क पर 30 दिन के एकल प्रवेश की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। अप्रैल से जून के समय यह वीजा शुल्क सिर्फ 10 अमेरिकी डॉलर होगा।