देनपसार। इंडोनेशिया में लोम्बोक द्वीप पर रविवार को आए 7.0 तीव्रता के भूकंप में कम से कम 98 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों घायल हो गए हैं। इंडोनेशिया की राष्ट्रीय आपदा निवारण एजेंसी ने सोमवार को कहा कि भूकंप में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर 98 हो गई है, इससे पहले रविवार को यह आंकड़ा 32 था। लोम्बोक द्वीप के उत्तरी और पश्चिमी हिस्से में बहुत से लोगों की मौत हो चुकी है।
एजेंसी के अनुसार, ज्यादातर मौत मलबा गिरने की वजह से हुई। भूकंप में सैकड़ों घायल हो गए और हजारों घर क्षतिग्रस्त हो गए। सोमवार को जारी बयान में कहा गया, रात में कुछ समुदायों से हमारी संपर्क लाइनें कट गई थीं। मृतकों की संख्या में अभी और बढ़ोतरी होने की आशंका है।
लोम्बोक में भूकंप के तेज झटकों से यहां मौजूद पर्यटकों और निवासियों में भय का माहौल पैदा हो गया। हजारों लोगों ने अपने घरों से बाहर निकलकर खुले में शरण ली। बाली में भी कई सेकंड तक भूकंप के झटके महसूस किए गए और लोग घरों, होटलों और रेस्तरां इत्यादि से बाहर निकल भागे। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, लोम्बोक में भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था।
स्थानीय मीडिया के अनुसार, लोम्बोक के ज्यादातर क्षेत्रों में भूकंप के बाद बिजली गुल हो गई थी। लोम्बोक और उसके पड़ोसी द्वीप बाली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों की इमारत को भी भूकंप से मामूली क्षति पहुंची, लेकिन उड़ान सेवाओं का परिचालन जारी रहा।
भूकंप के समय सिंगापुर के गृहमंत्री के शनमुगम लोम्बोक में मौजूद थे। उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि होटल की दसवीं मंजिल जोरों से हिलने लगी और इसकी दीवारों में दरारें आ गईं। उन्होंने लिखा, भूकंप के समय खड़ा हो पाना लगभग असंभव था। किसी तरह बाहर निकलकर सीढ़ियों से नीचे उतरा। इमारत अभी भी हिल रही थी।
थोड़े समय के लिए बिजली भी गुल हो गई। दीवारों में बहुत सी दरारें आ गईं और दरवाजे गिर गए। आपदा निवारण एजेंसी ने भूकंप के बाद सूनामी की चेतावनी जारी की थी और लोगों से समुद्र से दूर रहने की अपील की थी, लेकिन सूनामी की चेतावनी को बाद में वापस ले लिया गया। लोम्बोक में एक सप्ताह पहले 6.4 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 14 लोगों की मौत हो गई थी। (वार्ता)