फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों फीफा विश्वकप के दौरान अपनी टीम का हौसला बढ़ाने के लिए लुसैन स्टेडियम में मौजूद थे। सांसे थाम देने वाले मैच में जब अर्जेंटीना ने लगातार चौथे पेनल्टी पर गोल कर मुकाबला जीता तो फ्रांस के कोच, टीम और खुद राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों स्तब्ध रह गए थे।
अतिरिक्त समय के बाद मैच हारना एक बड़े दर्द की तरह था। यही कारण था कि इमैनुएल मैक्रों अपनी टीम का हौंसला बंधाने सीट से नीचे उतरे मैदान पर आए और गोल की हैट्रिक लगाने वाल एमबाप्पे को गले लगा लिया।
यही नहीं जब फ्रांस की टीम ड्रेसिंग रुम में पहुंची तो उन्होंने अपनी टीम का हौंसला भी बढ़ाया। इन दोनों घटनाओं का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
इमैनुएल मैक्रों ने वीडियो संदेश में कहा कि "हम फर्स्ट हाफ के आखिर में बहुत दूर थे। इस तरह की वापसी पहले भी हो चुकी है, लेकिन फुटबॉल के इतिहास में ऐसा बहुत कम होता है। हमने आश्चर्यजनक रूप से वापसी की। एम्बाप्पे और पूरी टीम ने जो किया वह असाधारण है। हमें वही भूख फिर से मिल गई है। मुझे वास्तव में विश्वास था कि हम इसे कर सकेंगे। हमारे पास अभी सेकेंड हाफ था, जो फिर वापस आएगा।"
एम्बाप्पे के मुरीद हुए मैक्रों
उन्होंने इस वीडियो में आगे हैट्रिक लगाने वाले एमबापे की तारीफ करते हुए कहा कि , "एम्बाप्पे एक महान खिलाड़ी हैं, लेकिन वह बहुत युवा हैं, मैंने उनसे कहा कि वह केवल 24 साल के हैं। वह विश्व कप के शीर्ष स्कोरर थे। उन्होंने विश्व कप जीता है, वह फाइनल में पहुंचे। मैं भी उनकी तरह दुखी था। मैंने उनसे कहा कि उन्होंने हमें बहुत गर्व महसूस कराया है और अंत में हम एक फुटबॉल मैच हार गए, हम इतने करीब आ गए थे। खेल में ऐसा ही होता है।"