इस्लामाबाद। पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने कट्टरपंथियों के आगे झुकते हुए फ्रांसीसी राजदूत के निष्कासन को लेकर संसद में एक प्रस्ताव पेश किया।
पूर्व पीएम नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन (PML-N) के नेताओं ने समिति के प्रस्ताव का विरोध किया, लेकिन, स्पीकर असद कैसर ने विपक्ष के विरोध को अनसुना करते हुए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। कहा जा रहा है कि कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के दबाव में यह प्रस्ताव पेश किया गया।
पीएमएल-एन के दिग्गज नेता और पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने अनुरोध किया कि विपक्ष को एक घंटे का समय दिया जाए, ताकि वे प्रस्ताव की समीक्षा कर सकें, मगर स्पीकर ने उनकी मांग खारिज कर दी।
मांग खारिज होने से अब्बासी भड़क गए और उन्होंने संसद की वेल में पहुंचकर विरोध किया। जब स्पीकर ने उन्हें शांत होने के लिए कहा तो उन्होंने स्पीकर से कहा कि आपको शर्म नहीं आती? जूते उतारकर मारूंगा।
इसके बाद सदन की कार्यवाही को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
फ्रांसीसी राजदूत को निकालना टीएलपी की चार प्रमुख मांगों में से एक है। पार्टी के सदस्यों द्वारा देशभर में फ्रांस विरोधी प्रदर्शन किये जाने के बाद पिछले सप्ताह उस पर प्रतिबंध लगाया गया था।