दावोस। भारत प्रतिभा प्रतिस्पर्धात्मकता के वैश्विक सूचकांक में अपनी स्थिति बेहतर करते हुए 81वें स्थान पर पहुंच गया है। हालांकि, अभी भी ब्रिक्स देशों से पीछे है। यहां जारी एक सालाना अध्ययन में यह कहा गया है। अध्ययन में यह चेतावनी भी दी गई है कि देश के समक्ष प्रतिभा पलायन की स्थिति खराब होने का गंभीर जोखिम है।
हर साल विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की सालाना बैठक के पहले दिन जारी होने वाली इस रिपोर्ट के अनुसार स्विट्जरलैंड सूची में पहले स्थान पर बना हुआ है। भारत इस सूची में पिछले साल 92वें स्थान पर था। वहीं 2016 में 89वें स्थान पर था।
यह सूचकांक इस बात का आकलन करता है कि आखिर देश कैसे प्रतिभा का विकास करता है, उसे आकर्षित करता है और उसे बनाए रखता है। भारत की रैंकिंग ब्रिक्स देशों में सबसे खराब है। चीन सूची में 54वें, रूस 56वें, दक्षिण अफ्रीका 67वें तथा ब्राजील 81वें स्थान पर है।
एडेको, इनसीड तथा टाटा कम्युनिकेशंस द्वारा जारी अध्ययन के अनुसार विकसित और अधिक आय वाले देश अभी वैश्विक प्रतिभा चैंपियन हैं। वहीं शहरों में ज्यूरिख, स्टाकहोम और ओस्लो शीर्ष पायदान पर हैं। देशों में स्विट्जरलैंड के बाद सिंगापुर और अमेरिका का स्थान है। शीर्ष स्थान में यूरोपीय देशों का दबदबा है। (भाषा)