सैन फ्रांसिस्को। गूगल ने यौन दुर्व्यवहार के मामलों से निपटने में ज्यादा सख्ती और खुलापन दिखाने का वादा किया है। कंपनी की पुरुष वर्चस्व वाली संस्कृति के खिलाफ इसके हजारों कर्मियों द्वारा पिछले हफ्ते किए गए प्रदर्शन के बाद यह वादा किया गया है।
गूगल ने प्रदर्शनकारी कर्मियों की यह प्रमुख मांग मान ली है कि यौन दुर्व्यवहार के सभी मामलों में अनिवार्य मध्यस्थता की शर्त हटाई जाए। यह नियम अब ऐच्छिक होगा, ताकि शिकायतकर्ता कर्मी खुद ही इस बात का फैसला कर सकें कि उसे मामला अदालत में ले जाना है या अपने मामले को कंपनी की जूरी के समक्ष रखना है।
महिला कर्मियों द्वारा की गई शिकायत के बाद कैब सेवा प्रदाता उबर कंपनी ने भी कुछ ऐसे ही बदलाव किए थे। कंपनी की आंतरिक जांच में पता चला कि उसके कई कर्मी यौन उत्पीड़न के शिकार हुए हैं।
गूगल के सीईओ सुंदर पिचई ने कंपनी के कर्मियों को भेजे एक ई-मेल में कहा, गूगल के वरिष्ठ अधिकारियों (लीडरों) और मैंने आपकी प्रतिक्रिया सुनी है और आपकी ओर से साझा की गई बातों से काफी प्रभावित हुआ हूं।
बृहस्पतिवार को पिचई की ओर से भेजे गए ईमेल में कहा गया, हम मानते हैं कि हमने अतीत में हमेशा सब कुछ सही नहीं किया और हमें इसका दुख है। हमें कुछ बदलाव करने की जरूरत है।
पिछले हफ्ते दुनिया के अलग-अलग देशों में गूगल के कर्मियों ने अपने दफ्तरों में बने अपने बैठने की जगहों (क्यूबिकल्स) से बाहर निकल कर यौन उत्पीड़न एवं दुर्व्यवहार की शिकायतों के मामलों में अपने वरिष्ठ अधिकारियों की शिथिलता का विरोध किया था। प्रदर्शन आयोजित करने वालों के अनुमान के मुताबिक, करीब 20,000 कर्मियों ने इसमें हिस्सा लिया। (भाषा)