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Sri Lanka crisis : जनविद्रोह के बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने दिया इस्तीफा

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, गुरुवार, 14 जुलाई 2022 (20:01 IST)
कोलंबो/ सिंगापुर। Sri Lanka crisis : संकट से जूझ रहे श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने अपना इस्तीफा ई-मेल के जरिए संसद के स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने के कार्यालय को भेज दिया, जो शुक्रवार को इसकी औपचारिक घोषणा करने से पहले दस्तावेज की वैधता की जांच कर रहा है। राजपक्षे ने ऐलान किया था कि वे 13 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। 
 
स्पीकर के मीडिया सचिव इंदुनील अभयवर्धने ने बताया कि राष्ट्रपति राजपक्षे का इस्तीफा पत्र सिंगापुर में श्रीलंका उच्चायोग को प्राप्त हुआ है। उन्होंने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि स्पीकर चाहते हैं कि सत्यापन प्रक्रिया और कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद एक आधिकारिक बयान कल (शुक्रवार को) जारी किया जाए। सूत्रों ने बताया कि स्पीकर वास्तविक हस्ताक्षर देखना चाहते हैं।
 
इससे पहले, एक असमान्य कदम के तहत मालदीव की संसद (मजलिस) के अध्यक्ष (स्पीकर) मोहम्मद नशीद ने श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के अपने पद से इस्तीफा दे देने की घोषणा की। उन्होंने उम्मीद जताई कि अब संकट ग्रस्त देश ‘‘आगे बढ़ सकता है।’
 
उन्होंने ट्वीट किया कि श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने इस्तीफा दे दिया है। मुझे उम्मीद है कि श्रीलंका अब आगे बढ़ सकता है। मेरा मानना है कि राष्ट्रपति अगर श्रीलंका में रहते तो इस्तीफा नहीं देते, क्योंकि उन्हें अपनी जान को खतरा था। मैं मालदीव सरकार के कदमों की प्रशंसा करता हूं। मेरी शुभकामानाएं श्रीलंका के लोगों के साथ है। 
 
राजपक्षे ने शनिवार को घोषणा की थी कि वह 13 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने यह घोषणा देश में अभूतपूर्व आर्थिक संकट के बाद प्रदर्शनकारियों के उनके आधिकारिक आवास में दाखिल हो जाने के बाद की थी। हालांकि वे पद से बिना इस्तीफा दिए बुधवार को मालदीव चले गए और बृहस्पतिवार को वहां से सिंगापुर पहुंचे। कोलंबो गजट की खबर के मुताबिक राजपक्षे के इस्तीफे के बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे राष्ट्रपति होंगे। विक्रमसिंघे अभी कार्यवाहक राष्ट्रपति हैं।
 
 
अपराधी राष्ट्रपति : इससे पहले सिंगापुर में रह रहे करीब दो दर्जन श्रीलंकाई नागरिक श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के देश से मालदीव भागने और फिर यहां आने की खबरों के बीच को चांगी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर पहुंचे तथा कहा कि ‘हम यहां एक अपराधी और एक भगोड़े को देखने के लिए आये हैं जिन्होंने हमारी अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया।’
 
सउदी एयरलाइन की एक उड़ान मालदीव से शाम में यहां पहुंची, जिसमें राजपक्षे सवार थे और इसके शीघ्र बाद सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने एक निजी यात्रा पर उनकी यहां मौजूदगी की पुष्टि की तथा यह भी कहा कि उन्होंने शरण देने का अनुरोध नहीं किया है। हवाईअड्डा पहुंचे श्रीलंकाई नागरिकों ने राजपक्षे (73) को एक ‘भगोड़ा’, ‘भ्रष्ट’ और ‘युद्ध अपराधी’ करार दिया।
 
राजपक्षे की यहां मौजूदगी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एक श्रीलंकाई नागरिक ने कहा कि सिंगापुर के गृह मंत्री ने 21 सितंबर को कहा था कि शरण पाने के लिए कोई जगह नहीं है। फिर वह (राजपक्षे) यहां क्यों हैं? 
 
श्रीलंकाई मूल की एक उद्यमी ने कहा कि वे यहां एक रैली में शामिल होने या लंबे समय के लिए आये हैं, यह एक सवाल है। उन्हें यहां आने की अनुमति क्यों दी गई? वह एक अपराधी हैं, वह युद्ध अपराधों को लेकर वांछित हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति भाग सकते हैं लेकिन छिप नहीं सकते। 
 
उन्होंने कहा कि एक देश के तौर पर सिंगापुर को यह रुख अपनाना चाहिए कि वे ऐसे अपराधियों, राष्ट्रपति को प्रवेश नहीं करने देगा, जो एक ऐसे देश से भागे हैं जहां उन्होंने काफी नुकसान पहुंचाया है, अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है।

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