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राष्ट्रपति तो नहीं बन पाईं, अब यूनिवर्सिटी में पढ़ाएंगी हिलेरी

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, सोमवार, 16 अक्टूबर 2017 (12:09 IST)
न्यूयॉर्क। पूर्व विदेश मंत्री और राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रत्याशी रहीं हिलेरी क्लिंटन कोलंबिया यूनिवर्सिटी में फिर से पढ़ाने का इरादा रखती हैं। संभवत: वे आईवी लीग में फिर से एक प्रोफेसर बनना चाहती हैं।
 
डेली न्यूज की नैंसी डिलन के मुताबिक अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन शिक्षा क्षेत्र में वापस जाने का इरादा रखती हैं। यूनिवर्सिटी के अनुसार वे अपने विकल्प के तौर पर सम्मानित पद 'यूनि‍वर्सिटी प्रोफेसर' पद चाहती हैं। एक सूत्र का कहना है कि इस पद के मिलने के बाद वे सभी स्कूलों और विभागों में लेक्चर दे सकेंगी और उन किसी तयशुदा कोर्स का भार भी नहीं होगा।   
 
पूर्व में भी लॉ प्रोफेसर रहीं हिलेरी क्लिंटन अपनी दिखावे की भूमिका को तब तक बनाए रखना चाहेंगी जब तक कि वे तय नहीं कर लेती हैं कि वे कोलंबिया के लॉ स्कूल में रहना पसंद करेंगी या कि संभव है कि वे स्कूल ऑफ इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स में नया स्थान चाहेंगी।  
 
इस बारे में जब द न्यूज ने उनसे पूछा कि क्या उनकी कोलंबिया यूनिवर्सिटी से बात चल रही है और क्या वे फिर से एक प्रोफेसर की भूमिका चाहेंगी, इस मामले पर उनके बारे में जानकारी रखने वाले सूत्र का कहना है कि अभी कुछ भी तय नहीं है। बहुत सारी बातें हो सकती हैं। कोई फैसला नहीं लिया जा सका है लेकिन अभी भी बातचीत चल रही है।
 
हिलेरी के निकटवर्ती सूत्रों का कहना है कि अभी भो वे इसी बात को सोच रही हैं कि वे करना क्या चाहती हैं। संभव है कि वे एक स्थान से इस्तीफा देकर दूसरी जगह फैकल्टी में नई ‍भूमिका तलाश कर लें। लेकिन अभी तक उन्होंने कोई फैसला नहीं लिया है।' विदित हो कि वर्ष 2016 के राष्ट्रपति चुनावों में वे लोकप्रिय मतों से जीत गई थीं, लेकिन राज्यों के कॉकस से उन्हें पर्याप्त मत नहीं मिल सके थे और वे डोनाल्ड ट्रंप से हार गई थीं।  
 
उनकी तीसरी पुस्तक 'वाट हैपंड' पिछले सप्ताह ही छपकर आई है और इसमें उन्होंने अपनी हार की बेदर्दी से चीरफाड़ की है। इस 469 पेज की किताब का प्रचार-प्रसार करने के लिए वे वर्षांत तक यात्रा पर जा सकती हैं। उनकी यह तीसरी पुस्तक संस्मरणात्मक है और अभी भी यह स्पष्ट नहीं है कि कोलंबिया से संबंधित फैसला वे कब लेंगी लेकिन उन्हें ऐसा करने में सालों नहीं तो महीने लग सकते हैं। पर इस मामले पर यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है।

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