ढाका। बांग्लादेश में अज्ञात हमलावरों ने 48 वर्षीय एक हिन्दू पुजारी को चाकू मारकर घायल कर दिया। इस घटना से 1 ही दिन पहले आईएसआईएस के आतंकवादियों ने एक हिन्दू पुजारी और एक बौद्ध नेता की धारदार हथियार से हमला करके निर्मम हत्या कर दी थी।
पुलिस ने शनिवार को बताया कि सातखिरा जिले में श्रीश्री राधा-गोविंद मंदिर के भबसिंधु राय पर उस समय मंदिर में हमला किया गया, जब वे सो रहे थे। 7 से 8 हमलावरों ने पुजारी के घर का दरवाजा खटखटाया। पुजारी ने यह सोचकर दरवाजा खोला कि बाहर रात में पहरा देने वाला गार्ड होगा, लेकिन तभी हमलावर घर में घुस आए और उन्होंने धारदार हथियारों से उनके सीने एवं पीठ पर हमला किया।
‘डेली स्टार’ ने पुलिस के हवाले से बताया कि उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। पीड़ित की पत्नी समित्रा बोर के हवाले से पुलिस ने बताया कि घटनास्थल पर किसी के पहुंचने से पहले ही हमलावर वहां से फरार हो गए।
यह हमला ऐसे में हुआ है, जब कुछ ही घंटों पहले बंदूकधारी ढाका के उच्च सुरक्षा वाले गुलशन राजनयिक क्षेत्र में एक रेस्तरां में घुस आए और उन्होंने कई विदेशियों समेत 20 लोगों को बंधक बना लिया।
होले आर्टिजन बेकरी रेस्तरां में हुए हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट समूह ने ली है। इस हमले में 2 पुलिसकर्मी मारे गए और 30 लोग घायल हो गए। इससे पहले आईएसआईएस के आतंकवादियों ने बांग्लादेश में एक हिन्दू पुजारी और बौद्ध नेता की शुक्रवार को हत्या कर दी थी जबकि एक और हिन्दू व्यक्ति हमले में बाल-बाल बच गया।
मोटरसाइकल पर सवार 3 हमलावरों ने श्यामानंद दास पर धारदार हथियारों से हमला किया। दास उस समय सुबह की पूजा के लिए झैनिदाह में राधामदन गोपाल मठ परिसर के बगीचे में फूल तोड़ रहे थे। दास की उम्र करीब 55 वर्ष थी। इस घटना से कुछ घंटों पहले बंदरबन में 55 वर्षीय बौद्ध नेता मोंग श्वे लुंग मरमा की हत्या कर दी गई।
सम्शंखोला में धारदार हथियार से लैस हमलावरों ने जातीय समुदाय के किसान एवं सत्तारूढ़ आवामी लीग के वार्ड स्तर के पूर्व नेता मरमा की हत्या कर दी। मुस्लिम बहुल बांग्लादेश में धर्मनिरपेक्ष एवं उदारवादी कार्यकर्ताओं एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हाल में कई हमले हुए हैं।
संदिग्ध इस्लामवादियों ने धर्मनिरपेक्ष ब्लॉगरों, समलैंगिक अधिकार कार्यकर्ताओं और हिन्दू, ईसाई एवं मुस्लिम सूफियों एवं शियाओं समेत अल्पसंख्यक धर्मों के अनुयायियों पर हमले किए हैं। (भाषा)