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ऋषि सुनक का बड़ा खुलासा, मैंने अपने जीवन में किया नस्लवाद का अनुभव

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, शनिवार, 3 दिसंबर 2022 (00:11 IST)
लंदन। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने खुलासा किया है कि उन्होंने नस्लवाद का सामना किया था, लेकिन अब इस स्थिति से निपटने में देश ने उल्लेखनीय प्रगति की है।
 
भारतीय मूल के ब्रिटिश नेता ने यह खुलासा बृहस्पतिवार रात को किया जो उन्होंने बकिंघम पैलेस (ब्रिटिश शाही परिवार का आधिकारिक आवास) में नस्लवाद का मामला सामने आने की पृष्ठभूमि में किया। शाही महल में कार्यरत वरिष्ठ कर्मी द्वारा अश्वेत ब्रिटिश चैरिटी कर्मी से बार-बार उसके मूल स्थान के बारे में पूछे जाने की जानकारी सार्वजनिक होने के बाद प्रिंस विलियम की ‘गॉडमदर’ को इस्तीफा देना पड़ा था।
 
जब इस पूरे विवाद के बारे में पूछा गया तो सुनक ने कहा कि उनके लिए महल के मामलों में टिप्पणी करना उचित नहीं है और उन्होंने मामले की गई कार्रवाई की ओर इंगित किया। उन्होंने कहा कि शाही महल से जुड़े मामले में मेरे लिए टिप्पणी करना उचित नहीं है। हालांकि, हमने देखा कि उन्होंने जो घटित हुआ उसे स्वीकार किया और उसके लिए माफी मांगी।
 
सुनक भारतीय मूल के मात-पिता की ब्रिटेन में जन्मी संतान हैं। उनसे जब पूछा गया कि वह लंदन से संचालित धर्मार्थ संस्था सिस्ताह स्पेस की संस्थापक नगोजी फुलानी और दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की करीबी लेडी सुजैन हसे से संबंधित घटना की जानकारी होने पर वह कैसा महसूस करते हैं तो सुनक ने बताया कि मैंने इस बारे में पहले भी बात की है, मैंने अपनी जिंदगी में नस्लवाद का अनुभव किया है, लेकिन मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि जो मैंने बाल्य व युवा अवस्था में अनुभव किया, मैं मानता हूं कि अब लोग अनुभव नहीं करते क्योंकि हमारे देश ने नस्लवाद से निपटने के लिए उल्लेखनीय प्रगति की है।
 
सुनक ने कहा कि लेकिन काम खत्म नहीं हुआ है और इसलिए जब हम इसे देखते हुए उसका जरूर विरोध करते हैं। यह सही है कि हम लगातार सबक सीखते हैं और बेहतर भविष्य के लिए आगे बढ़ते हैं।
 
नस्लवाद का मामला इस सप्ताह उस समय सार्वजनिक हुआ जब फुलानी ने खुलासा किया कि महारानी कैमिला द्वारा महल में आयोजित भोज के दौरान लेडी हसे ने उनके पास आकर नाम का बैज देखने के लिए बाल हटाया। इसके बाद उनसे पूछा कि ‘अफ्रीका के किस हिस्से’ से वह आई हैं, जिसके बाद उन्होंने कई बार बताया कि वह ब्रिटिश हैं।
 
केनसिंग्टन पैलेस के प्रवक्ता ने पूरे प्रकरण पर सफाई देते हुए कहा कि प्रिंस ऑफ वेल्स विलियम और प्रिंसेज ऑफ वेल्स केट का मानना है कि टिप्पणी ‘अस्वीकार्य’ है और ‘नस्लवाद की हमारे समाज में कोई जगह नहीं है।
 

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