इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने 3 बार प्रधानमंत्री रह चुके नवाज शरीफ पर आरोप लगाया है कि उन्होंने देश की सुरक्षा संस्थाओं को निशाना बनाकर सबसे बड़ा देशद्रोह किया है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के 70 वर्षीय सर्वोच्च नेता शरीफ को 2017 में भ्रष्टाचार के आरोप में उच्चतम न्यायालय ने सत्ता से बेदखल कर दिया था।
शरीफ ने पिछले महीने पहली बार सीधे तौर पर सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद का नाम लेकर उन पर खान की जीत सुनिश्चित करने के लिए 2018 के आम चुनाव में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था।
शरीफ ने 16 अक्टूबर को पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के बैनर तले विपक्षी दलों द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की गई एक रैली के दौरान यह बयान दिया था। इसमें उन्होंने लंदन से ऑनलाइन भाग लिया था।
इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार को हटाने के मकसद से पीडीएम की स्थापना की गई है।
स्थानीय समाचार चैनल जीएनएन को गुरुवार को एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री खान कहा कि नवाज ने सैन्य नेतृत्व को निशाना बनाकर सबसे बड़ा देशद्रोह किया है, जो सशस्त्र बलों में विद्रोह को भड़काने के बराबर है।
उन्होंने यह भी दावा किया कि शरीफ को अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत में सेना का समर्थन मिला था।
खान ने सवाल किया कि अचानक, नवाज जिन्हें सैनिक तानाशाह जनरल जिया-उल-हक ने राजनीति में लाया था, लोकतंत्र के हिमायती कैसे बन गए? गौरतलब है कि पाकिस्तानी सेना ने देश के अस्तित्व में आए 70 से अधिक वर्षों के आधे से अधिक समय तक पाकिस्तान पर शासन किया है, और वह देश की सुरक्षा और विदेश नीति के मामलों में काफी दखल देती रही है। सेना ने देश की राजनीति में हस्तक्षेप से इंकार किया है। खान ने भी इस बात से इनकार किया कि सेना ने उन्हें 2018 में चुनाव जीतने में मदद की थी।
शरीफ फिलहाल जमानत पर हैं। उन पर भ्रष्टाचार के कई मुकदमे चल रहे हैं। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने उन्हें पिछले साल नवंबर में इलाज के लिए 8 सप्ताह के लिए लंदन जाने की अनुमति दी थी। वह अभी तक वापस नहीं आए हैं। उनके वकीलों ने अदालत को बताया है कि उनका अब भी वहां इलाज चल रहा है। (भाषा)