पाकिस्तान के पीएम इमरान खान पर मंडरा रहे संकट के बादल फिलहाल टल गए हैं। शुक्रवार को पाकिस्तान की संसद में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आना था, लेकिन उसके पहले ही सदन की कार्यवाही स्थगित हो गई है। अब 28 फरवरी को सत्र का आयोजन होगा।
इसका अर्थ हुआ कि इमरान खान को अपनी सरकार बचाने के लिए तीन दिन की और मोहलत हो गई है। इस सत्र के दौरान पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की पार्टी के नेता शाह महमूद कुरैशी, शिरीन मजारी, असद उमर और अली मुहम्मद खान भी मौजूद थे।
वहीं विपक्ष की ओर से नेता शहबाज शरीफ, पीपीपी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी और आसिफ अली जरदारी भी मौजूद थे।
कुरान की आयतों के साथ शुरू हुए सत्र में दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी गई और सदन की कार्यवाही को प्रस्ताव पेश किए बिना ही स्थगित कर दिया गया।
गुरुवार को ही पाकिस्तानी संसद के सचिवालय की ओर से शुक्रवार के लिए 15 सूत्रीय एजेंडा जारी किया गया था। इसमें से एक अविश्वास प्रस्ताव भी था। हालांकि यह पेश नहीं हो सका। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले पीपीपी के नेता आसिफ अली जरदारी ने कहा था कि यदि आज प्रस्ताव पेश न हुआ तो हंगामा होगा। वहीं विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ ने कहा कि हम आज के सत्र में प्रस्ताव पेश करेंगे। यदि ऐसा नहीं हो पाता है तो फिर सभी नेताओं के साथ मीटिंग करेंगे।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के विपक्षी दलों की ओर से 8 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया गया था। नियम के मुताबिक नोटिस मिलने के 14 दिनों के अंदर सत्र बुलाना होता है। इसकी आखिरी तारीख 21 मार्च ही थी, लेकिन सचिवालय ने 25 मार्च को सत्र के आयोजन का फैसला लिया। इसके बाद आज भी प्रस्ताव पेश नहीं हो पाया।
गौरतलब है कि इमरान खान के पाकिस्तानी सेना से भी मतभेद की खबरें काफी समय से आती रही हैं। माना जा रहा है कि विपक्ष की एकजुटता के पीछे सेना का भी हाथ है, जो उसे लगातार प्रोत्साहित कर रही है।