इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आखिरकार इस बात को स्वीकार कर ही लिया कि कई आतंकी संगठन उनकी जमीन पर पैदा हुए और उन्हें ट्रेनिंग दी गई। हालांकि इमरान ने इन आतंकी संगठनों के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा कि 80 के दशक में जब सोवियत संघ ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया तो उनसे मुकाबले के लिए मुजाहिदीनों को जिहाद के लिए तैयार किया गया। इसकी फंडिंग अमेरिका के CIA ने की। जब अमेरिकी खुद अफगानिस्तान में आ गए तो यह जिहाद नहीं, आतंकवाद हो गया।
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि पाकिस्तान को इस मामले में तटस्थ रहना चाहिए था क्योंकि इन संगठनों में शामिल होना हमारे लिए नुकसानदेह साबित हुआ और हमने अपने 70 हजार लोगों को खो दिया। इसके साथ ही हमें 100 अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान भी हुआ।
इमरान ने अमेरिका पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि अंत में अमेरिकियों ने पाकिस्तान को नाकामी का सेहरा पहना दिया। यह पाकिस्तान के साथ बहुत बुरा हुआ।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान का अमेरिका से उस समय मोहभंग हो गया जब उसने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद पाक का साथ देने से इनकार कर दिया। फ्रांस में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के दौरान ट्रंप ने कहा था कि यह भारत का आंतरिक मामला हैं और पीएम मोदी जो भी करेंगे बहुत अच्छा होगा।