न्यूयॉर्क। अमेरिका में 3 नवंबर को होने जा रहे राष्ट्रपति चुनावों के करीब आने के साथ ही इस बात के नए सिरे से संकेत मिल रहे हैं कि राष्ट्र की चुनाव प्रणाली एक बार फिर विदेशी शत्रुओं के हमले का शिकार हो सकती है।
खुफिया अधिकारियों ने हाल के दिनों में इस बात की पुष्टि की है कि पिछले दिनों में विदेशी तत्व देश के चुनावी ढांचे को जोखिम में डालने के लिए 'अमेरिकी राजनीतिक अभियानों, प्रत्याशियों और अन्य राजनीतिक लक्ष्यों' के निजी संचार माध्यमों को संकट में डालने की दिशा में सक्रियता से काम कर रहे हैं। विदेशी संस्थाएं भी मतदाताओं को भ्रम में डालने की मंशा से आक्रामक तरीके से दुष्प्रचार कर रही हैं।
अब तक इस बात के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं कि अमेरिका के दुश्मनों को अभियानों या देश की चुनावी प्रणाली में सेंध लगाने में किसी तरह की कामयाबी मिली है, लेकिन डेमोक्रेट प्रत्याशी जो बाइडेन के राष्ट्रपति चुनाव प्रचार अभियान ने इस हफ्ते पुष्टि की कि उसने कई संबंधित जोखिमों का सामना किया है।
पूर्व उपराष्ट्रपति की टीम ने शत्रुओं के लिए उपयोगी खुफिया जानकारी उपलब्ध हो जाने के डर से इस बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया है।
ऐसी गोपनीयता के कारण विदेशी हस्तक्षेप 2020 के चुनाव में लोगों के विचार का विषय बना हुआ है जबकि रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स समान रूप से मानते हैं कि यह एक गंभीर खतरा है जो किसी भी क्षण चुनाव को मूल रूप से नया आकार दे सकता है।
बाइडेन का अभियान देख रहे लोग लगातार इस बात से चिंतित है कि रूसी समर्थक सूत्रों ने पहले ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चुनावी अभियान से संबंधित लोग और उनके रिपब्लिकन सहयोगियों के साथ बाइडेन के परिवार के बारे में गलत सूचनाएं साझा कर ली हैं ताकि राष्ट्रपति पद की दौड़ में उनकी उम्मीदवारी प्रभावित हो।
सीधे-सीधे पूछे जाने पर ट्रंप के अभियान ने यह बताने से इनकार कर दिया कि उसने बाइडेन से संबंधित कोई सामग्री किसी विदेशी नागरिक से स्वीकार की है या नहीं।
ट्रंप पर पिछले साल यूक्रेनी नेताओं पर दबाव बनाकर बाइडेन के बेटे द्वारा उस क्षेत्र में किए गए काम को लेकर छवि को नुकसान पहुंचाने वाली सूचना मांगने के लिए महाभियोग चल चुका है। (भाषा)