नई दिल्ली। चीन पर कितना भरोसा किया जाए तो यह तो भारत 1962 में भी देख चुका है, लेकिन ताजा मामले में भी चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। आपसी सहमति के चलते डोकलाम से दोनों देशों की सेनाओं के हटने के बाद भी चीन की तरफ से लगातार ऐसे बयान आ रहे हैं, जिससे आपसी रिश्तों में तनाव पैदा हो।
एक जानकारी के मुताबिक अब चीन ने कहा है कि सेना हटाकर भारत ने मान लिया है कि डोकलाम हमारा (चीन का) है। यह बयान इसलिए भी मायने रहता है कि क्योंकि जिस दिन सेना हटाने की बात सामने आई थी, तब भी चीन ने कहा था कि भारत ने डोकलाम से सेना हटाना शुरू कर दिया है।
दूसरी भारतीय विदेश मंत्रालय का बयान था कि दोनों देश आपसी सहमति डोकलाम में पीछे हटने को तैयार हैं। इसके साथ ही मंगलवार को चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने डोकलाम में सड़क निर्माण का काम रोके जाने संबंधी सवाल के जवाब में कहा था कि अपनी सीमा की रक्षा करने तथा स्थानीय लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए चीन लंबे समय से इस इलाके में सड़क तथा अन्य बुनियादी ढांचों का निर्माण कर रहा है।
चुनयिंग ने कहा कि इस इलाके में मौसम की स्थिति और अन्य सभी मसलों का आकलन करने के बाद वास्तविक स्थिति के अनुसार निर्माण योजना पूरा करने के बारे में निर्णय लिया जाएगा। (एजेंसियां)