अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया। साथ ही उन्होंने भारत की अर्थव्यस्था को 'डेड इकोनॉमी' बताया है। शायद अमेरिकी राष्ट्रपति दुनिया आर्थिक एजेंसियों के आंकड़े भूल गए जो उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर दिए हैं। दुनियाभर की एजेंसियों ने भारत के विकास का लोहा माना है। किस एजेंसी ने क्या कहा।
क्या कहा आर्थिक विश्लेषकों ने
आर्थिक विश्लेषकों ने कहा है कि भारत तेज वृद्धि हासिल करने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था है और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत को मृत अर्थव्यवस्था बताना सरासर अनुचित है। ऐसे समय जब अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष समेत प्रमुख अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में पेश कर रही हैं, ट्रंप का बयान कहीं से भी उचित नहीं कहा जा सकता। ईवाई इंडिया के मुख्य नीति सलाहकार डी के श्रीवास्तव ने पीटीआई-भाषा को बताया, दूसरी ओर, पूर्व विकसित अर्थव्यवस्थाएं तेजी से उम्रदराज हो रही हैं और इन अर्थव्यवस्थाओं में प्रवासी भारतीयों के योगदान के कारण ही ये अर्थव्यवस्थाएं लगातार सकारात्मक वृद्धि दर्ज कर रही हैं।
उल्लेखनीय है कि अंतररराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के कार्यकारी निदेशक मंडल ने फरवरी, 2025 में भारतीय अर्थव्यवस्था के अपने आकलन में अधिकारियों की सूझबूझ वाली वृहद आर्थिक नीतियों और सुधारों की सराहना की थी। इन नीतियों ने भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और एक बार फिर सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनाने में योगदान दिया है।
भारत विदेशी निवेश के लिए एक आकर्षक केंद्र बना हुआ है और दुनिया की कई प्रमुख कंपनियां विनिर्माण केंद्र स्थापित करने के लिए इस देश की ओर देख रही हैं।
इसके अतिरिक्त भारतीय प्रतिभाओं की विशेष रूप से तकनीकी क्षेत्र में सबसे अधिक मांग है और यह अमेरिका सहित कई देशों को सेवाओं का एक प्रमुख निर्यातक रहा है।
क्या कहा डोनाल्ड ट्रंप ने
भारत पर 25 प्रतिशत शुल्क और रूस के साथ व्यापार पर जुर्माना लगाने की घोषणा के एक दिन बाद ट्रंप ने गुरुवार को एक सोशल मीडिया मंच पर लिखा, मुझे परवाह नहीं है कि भारत रूस के साथ क्या करता है। मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे अपनी मृत अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ कैसे नीचे ले जा सकते हैं।
परामर्श कंपनी ईवाई इंडिया ने भारत के खिलाफ ट्रंप की टिप्पणियों को काफी अनुचित बताया और कहा कि वास्तव में, विश्व अर्थव्यवस्था का केंद्र धीरे-धीरे ग्लोबल साउथ की ओर स्थानांतरित हो रहा है और जिसके लिए भारत ने खुद को अग्रणी भूमिका में रखा है। ईवाई के श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे जीवंत और गतिशील है और इसकी आबादी सबसे युवा लोगों में से है।
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या सांख्यिकी (2024) के अनुसार, भारत की जनसंख्या की औसत आयु 28.8 वर्ष है, जबकि अमेरिका की 38.5 वर्ष और यूरोप की 42.8 वर्ष है। श्रीवास्तव ने कहा कि ये विकसित अर्थव्यवस्थाएं ही हैं जो औसत आयु और विकास की संभावनाओं, दोनों ही दृष्टि से पुरानी पड़ चुकी हैं। इसके अलावा, भारत के पास प्रचुर मानव संसाधन भी हैं जो तकनीकी रूप से कुशल हैं। साथ ही अंतरिक्ष, एआई (कृत्रिम मेध) और सृजन से जुड़े एआई के भविष्य के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
क्या कहा मूडीज ने
भारत की अर्थव्यवस्था ग्लोबल क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने इस वर्ष 6 मई को जारी अपनी रिपोर्ट में 2025 में भारत की जीडीपी की विकास दर 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। मूडीज ने उम्मीद जताई था कि 2026 में देश की अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी और यह 6.5 प्रतिशत की रफ्तार से आगे बढ़ेगी। इसका अर्थ यह हुआ कि भारत की अर्थव्यवस्था 2026 में 2025 से अधिक तेजी से आगे बढ़ेगी। एशियाई विकास बैंक ने अभी 23 जुलाई को ही अनुमान लगाया था कि भारत की जीडीपी 2025 में 6.5 फीसदी और 2026 में 6.7 फीसदी की दर से बढ़ सकती है।
विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF ने भारत को दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही इकोनॉमी माना। उसने कहा है कि अगले 2 साल भारत की अर्थव्यवस्था 6.4 प्रतिशत की रफ्तार से उड़ान भरेगी। उसने कहा है कि जल्द ही भारत विश्व की तीसरी इकोनॉमी बन जाएगा। आईएमएफ ने भारत की जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2026-2027 में 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि आईएमएफ ने अमेरिका का जीडीपी ग्रोथ अनुमान 1.9 फीसदी लगाया है।
क्या कहा विश्व बैंक ने
भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। विश्व बैंक ने अप्रैल में 2025-26 के लिए भारत के वृद्धि दर अनुमान को 6.7 फीसदी से घटाकर 6.3 फीसदी कर दिया था, लेकिन पिछले महीने जारी वैश्विक आर्थिक संभावना रिपोर्ट में विश्व बैंक ने कहा था कि अनिश्चितताओं के कारण निर्यात पर बने दबाव के बाद भी भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
क्या कहा फिच ने
फिच रेटिंग्स ने इस वर्ष 22 मई को 2028 तक के लिए भारत की औसत वार्षिक वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया था। रेटिंग एजेंसी ने नवंबर 2023 में इसके 6.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था। फिच ने 5 साल के लिए जीडीपी के अनुमानों को अपडेट करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने 2023 की रिपोर्ट के समय की हमारी अपेक्षा से अधिक मजबूती से वापसी की है।
किसे कहते हैं डेड इकॉनॉमी
डेड इकोनॉमी उस स्थिति को कहते हैं जब किसी देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह ठप हो जाए या बिल्कुल सुस्त पड़ जाए। इसमें व्यापार, उत्पादन, नौकरियां और लोगों की कमाई लगभग रुक सी जाती है। विकास रुक जाता है और लोग आर्थिक तंगी में फंस जाते हैं। डेड इकोनॉमी कोई आधिकारिक आर्थिक टर्म नहीं है। ये एक बोलचाल का शब्द है, इसलिए इसे मापने का कोई सटीक पैमाना भी नहीं है। हालांकि इसे समझने के लिए कुछ आर्थिक संकेतकों का इस्तेमाल किया जा सकता है- जैसे जीडीपी, महंगाई, बेरोजगारी दर और व्यापार घाटा। इनपुट एजेंसियां Edited by : Sudhir Sharma