डबलिन। आयरलैंड के ऊपरी सदन ने देश में गर्भपात को कानूनी मान्यता प्रदान करने वाले ऐतिहासिक विधेयक को पारित कर दिया। समाचार-पत्र 'द आयरिश टाइम्स' ने गुरुवार को कहा कि गर्भपात विधेयक को कानून बनने के लिए अब केवल राष्ट्रपति माइकल हिगिन्स के हस्ताक्षर का इंतजार है।
स्वास्थ्य मंत्री सिमन हैरिस ने 'द आयरिश टाइम्स' को कहा कि यह एक ऐतिहासिक क्षण है। इससे जनवरी 2019 से गर्भपात के क्रियान्वयन का मार्ग प्रशस्त होगा। गर्भपात विधेयक पारित होने से एक नई यात्रा की शुरुआत हुई है। इससे महिला स्वास्थ्य देखरेख में नए युग की शुरुआत हुई है।
इस विधेयक के कानून बनने के बाद महिलाएं गर्भधारण करने के 12 सप्ताह बाद तक गर्भपात करा सकेंगी। इस अवधि के दौरान यदि महिला की जान अथवा स्वास्थ्य के खतरे या किसी गंभीर बीमारी की स्थिति में गर्भपात कराया जा सकेगा। आयरलैंड के कई सांसदों ने हालांकि इस विधेयक के पारित होने का पुरजोर विरोध किया लेकिन महिला संगठनों ने इसका स्वागत किया है।
गौरतलब है कि आयरलैंड में वर्षों से गर्भपात पर प्रतिबंध लगा हुआ है और इसका उल्लंघन करने पर महिलाओं को 14 वर्ष की सजा का प्रावधान है। आयरलैंड में मई महीने में गर्भपात को लेकर जनमत संग्रह कराया गया था जिसमें लोगों ने इसे प्रतिबंध को हटाने के पक्ष में अपना निर्णय दिया था।
आयरलैंड में गर्भपात पर प्रतिबंध को हटाने का श्रेय भारतीय महिला सविता हलप्पनवार को जाता है। भारतीय मूल की दंत चिकित्सक सविता हलप्पनवार को 2012 में गर्भपात की इजाजत नहीं मिलने पर एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी जिसके बाद से ही आयरलैंड में गर्भपात पर बहस तेज हो गई थी।