बर्लिन। इराक में सुरक्षा बलों के हिरासत आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) से जुड़ी जर्मनी की 16 वर्षीय किशोरी को अब पछतावा है और वह अपने परिवार के पास वापस जाना चाहती है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक यह किशोरी उन 4 जर्मन महिलाओं में शामिल है, जो कि आईएस से जुड़ी थीं।
ड्रेस्डन में वरिष्ठ सरकारी अभियोजक लोरेन्ज हासे ने कहा कि लिंडा डब्ल्यू. नाम की किशोरी की पहचान कर ली गई है और वह इराक में है। उसे कांसुलर (वाणिज्य दूत) मदद मुहैया कराई जा रही है।
जर्मनी के कई समाचार समूहों ने बताया कि उन्होंने बगदाद में एक सैन्य परिसर की अस्पताल में लिंडा डब्ल्यू. का साक्षात्कार किया था और लिंडा ने उनसे कहा कि वह इस स्थान को छोड़ना चाहती है।
लिंडा ने कहा कि मैं यहां से दूर जाना चाहती हूं, युद्ध क्षेत्र, हथियारों और शोरगुल से दूर जाना चाहती हूं, मैं अपने घर और परिवार के पास वापस जाना चाहती हूं और उसे आईएस में शामिल होने का खेद है और वह जर्मनी में प्रत्यर्पित होना चाहती है, जहां वह अधिकारियों के साथ पूछताछ में पूरा सहयोग करेगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उसकी बाईं जांघ पर गोली का निशान और घाव है और उसका दाहिना घुटना भी चोटिल है। उसने बताया कि उसे यह चोट हेलीकॉप्टर हमले के दौरान लगी। लिंडा ने कहा कि अब मैं सही-सलामत हूं और मेरी स्थिति में सुधार हो रहा है। (वार्ता)