यरुशलम। इसराइल की एक सांसद ने अस्पतालों में खानपान संबंधी नियमों को लेकर विवाद के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन से अलग होने का फैसला किया, जिससे संसद में सरकार अल्पमत में आ गई है।
इडित सिलमैन के समर्थन वापस लेने के कारण कार्यभार संभालने के एक साल के भीतर ही देश में चुनाव की संभावना बढ़ गई है। प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट की सरकार सत्ता में बनी हुई है, किंतु 120 सीट वाली संसद में वह कमजोर हो गई है और आगे उसे कामकाज के सुचारू संचालन में कठिनाई आएगी।
सरकारी प्रसारक कान के मुताबिक धार्मिक राष्ट्रवादी यामिना पार्टी की सिलमैन ने सरकारी अस्पतालों में लोगों को खमीरी रोटी और अन्य खाद्य पदार्थ लाए जाने की अनुमति का विरोध किया है।
धार्मिक परंपरा के अनुसार ये खाद्य उत्पाद प्रतिबंधित हैं। कुछ धर्मनिष्ठ यहूदियों के लिए अस्पताल में ऐसे खाद्य पदार्थों की मौजूदगी धार्मिक परंपरा के हिसाब से ठीक नहीं है।
सत्तारूढ़ गठबंधन में आठ राजनीतिक दल हैं, जिसमें इस्लामवादी से लेकर रूढिवादी राष्ट्रवादी और उदारवादी भी हैं। पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का विरोध करने के लिए ये सभी दल साथ आए थे। इसराइल की संसद नेसेट में अब बेनेट के गठबंधन के 60 सदस्य होंगे।
संसद का अभी सत्र नहीं हो रहा और यह स्पष्ट नहीं है कि क्या विपक्ष के पास अविश्वास प्रस्ताव रखने के लिए पर्याप्त समर्थन होगा। हालांकि सरकार के पास बहुमत नहीं रहने की स्थिति में इसराइल में तीन वर्षों में पांचवीं बार चुनाव होगा।
सिलमैन ने कहा कि वह इसराइल और देश के लोगों के यहूदी चरित्र को नुकसान पहुंचाने के लिए साथ नहीं दे सकतीं और दक्षिणपंथी सरकार बनाने के लिए काम करेगी। विपक्ष के नेता नेतन्याहू ने सिलमैन को बधाई दी और राष्ट्रवादी खेमे में उनकी वापसी का स्वागत किया।(भाषा)