जैक डोर्सी ने पिछले दिनों अचानक से ट्विटर के सीईओ पद से इस्तीफा दिया। इसके बाद पराग अग्रवाल ने यह पद संभाल लिया है। लेकिन अब उनका अगला प्लान क्या है, इस बात पर सभी की नजर है।
डोर्सी ने उस सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपना इस्तीफा शेयर किया जिसके वे सह-संस्थापक यानी को-फाउंडर हैं।
ट्विटर पर डोर्सी का यह पहला इस्तीफा नहीं है, 2008 में उन्हें जबरन सीईओ के पद से हटाया गया था, लेकिन 3 साल बाद उन्होंने फिर से एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के तौर ट्विटर में वापसी की थी।
ऐसे में सवाल यह है कि अब वे क्या करेंगे, उनका अगला प्लान क्या है। डोर्सी के पास अब 'स्क्वॉयर' पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अधिक समय होगा, क्योंकि उन्होंने ट्विटर की कमान 37 वर्षीय चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर पराग अग्रवाल को सौंप दी है।
उनकी पेमेंट फर्म की वैल्यू लगभग 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर (£75 बिलियन) है, जोकि ट्विटर की वैल्यू से दोगुनी से ज्यादा है। इस पेमेंट फर्म का एक प्रमुख लक्ष्य क्रिप्टोकरेंसी को मुख्यधारा में लाना है। हो सकता है कि जैक अब अपनी इसी योजना पर काम करें।
'स्क्वायर' की बैलेंस शीट पर बिटकॉइन मौजूद है और इस फर्म की tbDEX नामक एक विकेन्द्रीकृत क्रिप्टो एक्सचेंज बनाने की योजना है, साथ ही साथ यह फर्म बिटकॉइन माइनिंग मार्केट (नए बिटकॉइन के निर्माण में) में भी एंट्री कर सकती है। डोरसी कई अन्य प्रोजेक्ट्स में एंजेल इंवेस्टर भी हैं, जिसमें म्यूजिक स्ट्रीमिंग एप टाइडल Tidal भी शामिल है, जिसमें रैपर जे जेड सह-निवेशक यानी को-इंवेस्टर हैं।
कई मायनों में क्रिप्टोकरेंसी को आजादी की भावना विरासत में मिली है, यही शुरुआती दौर में सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स की विशेषता हुआ करती थीं। विकेंद्रीकृत या डीसेंट्रलाइज्ड स्टार्ट-अप जैसे फाइनेंस प्लेटफॉर्म कंपाउंड Compound, क्रिप्टो एक्सचेंज यूनिस्वैप Uniswap और करेंसी मेकर मेकरडाओ MakerDao बड़ा मुनाफा कमाने के साथ-साथ काफी लोकप्रिय हो रहे हैं।