अंकारा। तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा कि सऊदी अरब, अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के अधिकारियों ने इस्तांबुल में सऊदी अरब के दूतावास में पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या से जुड़ी रिकॉर्डिंग सुनी है। उन्होंने पहली बार सार्वजनिक रूप से हत्या के टेप होने की बात स्वीकार की है।
राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने पत्रकारों से कहा कि सऊदी अरब को अपने आपको संदेह से छुटकारा दिलाने के लिए 2 अक्टूबर को हुई 'द वॉशिंगटन पोस्ट' के पत्रकार की हत्या की निष्पक्ष कार्रवाई और इसके पीछे जिम्मेदार लोगों के नामों का खुलासा करना होगा।
एर्दोआन ने टीवी पर कहा कि हमने रिकॉर्डिंग दे दी है। हमने उन्हें सऊदी अरब, अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन को दिया है तथा सऊदी अरब ने भी बातचीत सुनी है और उन्हें मालूम है। इसे तोड़-मरोड़कर पेश करने की जरूरत नहीं है। वे निश्चित तौर पर जानते हैं कि कौन 15 लोग हत्यारे हैं?
गौरतलब है कि खशोगी को अपनी शादी के लिए दस्तावेज हासिल करने के वास्ते 2 अक्टूबर को वाणिज्य दूतावास में प्रवेश करते हुए आखिरी बार देखा गया था। कई बार इंकार करने के बाद सऊदी अरब ने आखिरकार स्वीकार किया कि 59 वर्षीय पत्रकार की हत्या हो गई थी। कुछ अधिकारियों ने इस घटना के लिए शहजादे मोहम्मद बिन सलमान की ओर 'इशारा' किया है।
तुर्की के कुछ मीडिया संगठनों और अधिकारियों ने कहा कि अंकारा के पास हत्या की ऑडियो रिकॉर्डिंग है तथा इसने सीआईए प्रमुख जीना हास्पेल के साथ इसे उस वक्त साझा किया था, जब वे अक्टूबर के अंत में तुर्की की यात्रा पर थीं।