टोक्यो। जापान में एक माह के दौरान 159 घंटे का ओवरटाइम करने वाली रिपोर्टर की हृदयगति रुकने से मौत हो गई, इसके बाद जापान के सार्वजनिक प्रसारक ने अपने कामकाज के तरीकों को सुधारने की कसम खाई है।
एनएचके की 31 वर्षीय रिपोर्टर मिवा सादो जुलाई 2013 में कथित तौर पर मोबाइल पकड़े हुए मृत अवस्था में पाई गई थी। वह टोक्यो में राजनीतिक समाचारों की रिपोर्टिंग करती थी।
रिपोर्टर की मौत के एक साल बाद जापान के अधिकारियों ने बताया कि उसकी मौत अत्यधिक काम करने की वजह से हुई है। अपनी मौत से पहले महीने में उसने केवल दो दिनों की छुट्टी ली थी।
एनएचके ने सादो के माता-पिता द्वारा ऐसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कार्रवाई का दबाव डाले जाने के बाद घटना के चार साल बाद यह मामला सार्वजनिक किया। काम के घंटों के लिए बदनाम जापान में इस मामले के बाद लंबे समय तक काम करने की समस्या फिर से चर्चा में आ गई।
एनएचके के लिए एक शर्मनाक रहस्योद्घाटन भी है, जिसने जापान में लंबे समय तक काम करने की संस्कृति के खिलाफ अभियान चलाया है।
सादो ने जून 2013 में टोक्यो विधानसभा चुनावों और अगले महीने राष्ट्रीय संसद के लिए उच्चस्तरीय मतदान की रिपोर्टिंग की थी। ऊपरी सदन के चुनाव के तीन दिन बाद उसकी मौत हो गई। उसकी मां ने दैनिक समाचार असाही को बताया, 'आखिरी क्षणों में वह मुझे फोन करना चाहती थी और यह सोचकर मेरा दिल टूट गया।' (भाषा)