वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बिडेन ने भारतीय मूल की सीनेटर कमला हैरिस को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार (अपना रनिंग मेट) चुना है। ऐसा पहली बार हुआ है, जब कोई अश्वेत महिला देश की किसी बड़ी पार्टी की ओर से उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनी हैं। यदि हैरिस उपराष्ट्रपति बन जाती हैं, तो वे इस पद पर काबिज होने वाली अमेरिका की पहली महिला होंगी और देश की पहली भारतीय-अमेरिकी और अफ्रीकी उपराष्ट्रपति होंगी।
हैरिस (55) के पिता अफ्रीकी और मां भारतीय हैं। वे अमेरिका के कैलिफोर्निया की सीनेटर हैं। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा हैरिस को अकसर पथ-प्रदर्शक बताते हैं। बिडेन (77) ने मंगलवार दोपहर एक लिखित संदेश में इसकी घोषणा कर कई दिनों से जारी अटकलों का समाप्त किया। उन्होंने 'डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन' से पहले यह घोषणा की है जिसमें 3 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए बिडेन को औपचारिक तौर पर नामित किया जाएगा।
बिडेन ने संदेश में कहा कि जो बिडेन यानी मैंने कमला हैरिस को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुना है। आपके साथ मिलकर हम ट्रंप (अमेरिका के राष्ट्रपति) को मात देंगे। टीम में उनका स्वागत कीजिए। बिडेन ने कहा कि देश को वापस पटरी पर लाने में वह सर्वश्रेष्ठ साझीदार होंगी।
बिडेन के चुनाव प्रचार अभियान ने कहा कि जो बिडेन देश को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्र को फिर से एकजुट करने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। बिडेन को उपराष्ट्रपति पद की अहमियत के बारे में अच्छी तरह से पता है और उन्हें विश्वास है कि देश को पटरी पर वापस लाने में कमला हैरिस सर्वश्रेष्ठ साझीदार होंगी। इससे पहले बिडेन ने हैरिस के परिवार को कैलिफोर्निया से लाने के लिए एक विशेष विमान भी भेजा था। इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बिडेन के इस फैसले पर हैरानी जताई है।
ट्रंप ने व्हाइट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम देखेंगे कि वे कैसे काम करती हैं। उन्होंने प्राइमरी में बेहद खराब प्रदर्शन किया था। उनके बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी। उन्होंने कहा कि वे कई चीजों को लेकर चर्चा में थीं, इसलिए मुझे बिडेन द्वारा उनका चयन करने पर थोड़ा अचंभा हो रहा है।
अमेरिका में भारतीय-अमेरिकी समूहों ने बिडेन द्वारा भारतीय मूल की सीनेटर को उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाए जाने की सराहना करते हुए कहा है कि यह अमेरिका में पूरे समुदाय के लिए गर्व और उत्सव का क्षण था। प्रख्यात भारतीय-अमेरिकी और 'इंडियास्पोरा' के संस्थापक एमआर रंगास्वामी ने कहा कि भारतीय-अमेरिकियों के लिए यह बेहद गर्व का पल है। भारतीय-अमेरिकी अब वास्तव में राष्ट्रीय ताने-बाने में एक मुख्य धारा में है।
प्रमुख भारतीय-अमेरिकी समूह 'इम्पैक्ट' और 'पीएसी' ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि वे अभियान के लिए 1 करोड़ डॉलर जुटाएंगे। 'इम्पैक्ट' के कार्यकारी निदेशक नील मखीजा ने कहा कि इस साल करीब 13 लाख भारतीय- अमेरिकियों के वोट करने की उम्मीद है। (भाषा)