वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों को धोखाधड़ी की चिंताओं के चलते टालने संबंधी अपने सुझाव को तुरंत वापस ले लिया है। उन्हें इस मुद्दे पर शीर्ष रिपब्लिकन नेताओं से भी समर्थन नहीं मिला।
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव नवंबर में होने हैं। दूसरे कार्यकाल के लिए उम्मीदवार ट्रंप डेमोक्रेटिक प्रत्याशी और पूर्व उपराष्ट्रपति जो बिडेन से कड़े मुकाबले का सामना कर रहे हैं, जो कई प्रमुख चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में ट्रंप से आगे माने जा रहे हैं।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की तारीख वैधानिक रूप से नवंबर के महीने में पहले सोमवार के बाद पड़ने वाले मंगलवार की नियत होती है। ट्रंप ने गुरुवार को पहली बार नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों को टालने की बात खुलकर की थी। उन्होंने डाक से मतदान में गड़बड़ी की आशंका जताई थी।
विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं ने फौरन उनके इस सुझाव की आलोचना की। ट्रंप को अपनी ही रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं से भी इस मुद्दे पर समर्थन नहीं मिला। बाद में ट्रंप ने अपने सुझाव को वापस ले लिया। उन्होंने चुनाव टालने के सुझाव वाले ट्वीट के बारे में पूछे जाने पर कहा कि मैं देरी नहीं चाहता। मैं चुनाव चाहता हूं। लेकिन मैं यह भी नहीं चाहता कि तीन महीने इंतजार करने के बाद पता चले कि मतदान का कोई मतलब ही नहीं है।
ट्रंप ने चुनाव से केवल 96 दिन पहले गुरुवार को ट्वीट किया था कि सभी के लिए डाक से मतदान (न कि गैर-मौजूदगी में डाक से मतदान, जो कि अच्छा है) इतिहास में सबसे गलत और छलपूर्ण चुनाव होगा। उन्होंने ट्वीट किया कि यह अमेरिका के लिए बड़ी शर्मनाक बात होगी। लोग जब सही तरीके से और सुरक्षित मतदान कर सकें, तभी चुनाव कराए जाएं।
व्हाइट हाउस में दोबारा पहुंचने की जद्दोजहद में लगे ट्रंप ने दलील दी कि डाक से मतदान (मेल-इन वोटिंग) से चुनाव में गड़बड़ी हो सकती है। वह इसके मुखर विरोधी रहे हैं। ट्रंप ने कहा कि डाक मतपत्रों की गिनती में और चुनाव नतीजों में देरी होगी।
डेमोक्रेट्स कोविड-19 महामारी के दौरान बड़ी संख्या में मतदाताओं के मतदान केंद्रों तक जाने और कतारों में लगने से बचने के लिए डाक से मतदान कराने पर जोर दे रहे हैं। (भाषा)