नूर सुल्तान। कजाकिस्तान के अलग अलग हिस्सों में कई दिन से प्रदर्शन कर रहे 3,811 प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। इस हिंसक प्रदर्शन में 18 सुरक्षा अधिकारियों समेत 48 लोग मारे गए और करीब 700 घायल हुए।
कजाकिस्तान के स्थानीय न्यूज वेबसाइट को इसकी जानकारी आंतरिक मंत्रालय से मिली। गौरतलब है कि जब से प्रदर्शन शुरु हुआ है, तब से लेकर 48 लोगों की मौत हो गई। उज्बेकिस्तान की सीमा पर कैजैलोडा प्रांत में हिंसक विरोध प्रदर्शनों में 182 लोग घायल हो गए हैं। अन्य 56 को अस्पतालों में ले जाया गया, जिनमें से 25 गहन देखभाल में हैं।
क्यों मचा कजाकिस्तान में बवाल : करीब तीन दशक पहले आजाद होने के बाद से पहली कजाकिस्तान में सड़कों पर भीषण प्रदर्शन हो रहे हैं। वाहन ईंधन की एक विशेष किस्म की कीमतों के लगभग दोगुना होने के विरोध में शुरू हुआ यह प्रदर्शन पूरे देश में फैल गया और यह स्वतंत्रता के बाद से एक ही पार्टी के शासन को लेकर व्यापक असंतोष को दिखाता है। विरोध प्रदर्शन बेहद हिंसक हो गया।
आतंकियों को गोली मारने के आदेश : कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कासिम-जोमार्त तोकायेव ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने सुरक्षा बलों को आतंकियों पर गोली चलाने और उन्हें मार गिराने का अधिकार दे दिया है। देश में पिछले कई दिनों से चल रहे बेहद हिंसक प्रदर्शनों के बाद यह कदम उठाने को कहा गया है।
अल्माटी हवाई अड्डे को प्रदर्शनकारियों के कब्जे से मुक्त : अल्माटी में शुक्रवार सुबह भी झड़प होने की खबर है। रूसी समाचार एजेंसी तास के मुताबिक अल्माटी में एक इमारत को आग के हवाले कर दिया गया। हालांकि सुरक्षा बलों ने अल्माटी हवाई अड्डे को प्रदर्शनकारियों के कब्जे से मुक्त करा लिया है।
रूस ने भेजी सेना : इस बीच, कजाकिस्तान में जारी हिंसा को देखते हुए रूस भी एक्टिव हो गया है। व्लादिमिर पुतिन ने यहां अपनी सेना उतार दी है। कजाकिस्तान पूर्व सोवियत संघ का ही हिस्सा है।