लाहौर। इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी (ITU), पाकिस्तान के पूर्व उपकुलपति डॉ. उमर सैफ ने पाकिस्तान की कथित रूप से अव्यवस्थित शिक्षा व्यवस्था पर प्रकाश डालते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर कुछ तस्वीरें शेयर की हैं। इन तस्वीरों के माध्यम से उमर ने ये बताना चाहा है कि 9 वर्षों पहले पाकिस्तान में IIT जैसी संस्था ITU के निर्माण के लिए जो भूमि प्रदान की गई थी, उसपर अब इंस्टीटूट की जगह 'बकरा मंडी' बना दी गई है।
सैफ ने कहा कि 2013 में हमने पाकिस्तान में एक प्रोद्योगिक शिक्षण संस्थान बनाने की नींव रखी थी, जो भारत के IIT के जैसा होता और आज उस जगह को लोगों ने उस भूमि को बकरा मंडी में तब्दील कर दिया है। सैफ ने उस जगह की तस्वीरें भी साझा की हैं। तस्वीरों में यह देखा जा सकता है कि जमीन पर अब कई दुकानदारों का डेरा है और कई जानवर आस-पास घूमते नजर आ रहे हैं।
सैफ ने दावा किया है कि कई सालों पहले भूमि खरीदे जाने के बाद भी ITU आज तक नई बिल्डिंग में नहीं आ पाया।
सैफ ने बताया कि 2013 में पाकिस्तान के पंजाब के तत्कालीन सीएम और वर्तमान में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मोहम्मद शाहबाज शरीफ ने आग्रह किया था कि पंजाब में एक उच्च दर्जे के IT संस्थान की स्थापना की जाए, जिसके बाद ITU की स्थापना हुई और मुझे उसका उपकुलपति बनाया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो पाकिस्तान में करीब 141 ऐसे विश्वविद्यालय हैं, जिन्हे देश की आर्थिक तंगी के चलते कई सालों से अनुदान राशि (ग्रांट) नहीं मिली। इन विश्वविद्यालयों ने कई बार पाकिस्तान सरकार से मदद की गुहार लगाते हुए कहा कि बिना ग्रांट के यूनिवर्सिटी के खर्चे चलाना और प्राध्यापकों को सैलरी और पेंशन देना मुश्किल होता जा रहा है। लेकिन, सरकार की ओर से इस मामले पर कोई पुख्ता घोषणा नहीं की गई।