Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

पत्‍नी-बेटे की मौत से लेकर स्‍कूल में हकलाने और 30 साल तक अप-डाउन करने तक... यह है जो बि‍डेन के संघर्ष की कहानी

हमें फॉलो करें पत्‍नी-बेटे की मौत से लेकर स्‍कूल में हकलाने और 30 साल तक अप-डाउन करने तक... यह है जो बि‍डेन के संघर्ष की कहानी

नवीन रांगियाल

, मंगलवार, 10 नवंबर 2020 (12:45 IST)
जो बि‍डेन अमेरिका का चुनाव जीत गए हैं, पूरी दुनिया में उनका नाम सुर्खि‍यों में है। संभवत: अगले साल 20 जनवरी को वे अमेरिकी राष्‍ट्रपति‍ पद की शपथ लेंगे। लेकिन जिस जो बि‍डेन की बात आज पूरी दुनिया में हो रही है क्‍या उन्‍हें आप जानते हैं?

आइए जानते हैं आखि‍र कौन हैं जो बि‍डेन?

जो बि‍डेन के जीवन में बहुत सं‍घर्ष रहा है। दुर्घटनाओं में पत्‍नी-बेटी की मौत से लेकर बाद में बेटे की मौत और करीब 30 साल तक ट्रेनों में अपडाउन करने तक का संघर्ष उनके जीवन में दर्ज है।

77 साल के जो बि‍डेन का राजनैतिक करियर 5 दशक से ज्यादा पुराना है। वे 1973 में पहली बार अमेरिका के सांसद बने थे। जो बि‍डेन का जन्‍म 20 नवंबर 1942 को पेंसिलवेनिया में हुआ था।

उनका पूरा नाम जोसेफ रोबि‍नेट बि‍डेन जुनियर है। वे चार भाई बहनों में सबसे बड़े हैं। उन्हें लोग ‘जो’  कहकर भी बुलाते हैं, डोनल्ड ट्रंप की तरह उनका जन्म एक अमीर परिवार में नहीं, बल्कि मध्य वर्गीय परिवार में हुआ था। इन्हें अपनी जरूरतें पूरा करने के लिए अक्सर संघर्ष करना पड़ता था।

जब बि‍डेन सिर्फ 10 साल के थे तो उनका परिवार डेलावेयर शिफ्ट हो गया था। वे बचपन में बुरी तरह हकलाया करते थे और इस वजह से स्कूल में उनके साथ पढ़ने वाले बच्चे उन्हें परेशान किया करते थे। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ डेलावेयर से राजनीति शास्त्र और इतिहास की पढ़ाई की। कॉलेज में पढ़ाई के दौरान जब वो बहामास में छुट्टियां मना रहे थे, तब उनकी मुलाकात उनकी पहली पत्नी से निलिया हंटर से हुई।
जो बि‍डेन 25 साल की उम्र में राजनीति में आए थे और 29 वर्ष की उम्र में उन्होंने सिनेट का चुनाव लड़ा, लेकिन इसके बाद उनके जीवन में एक दुर्घटना हुई और 18 दिसंबर 1972 को एक कार दुर्घटना में उन्होंने अपनी पत्नी और 13 महीने की बेटी को खो दिया।

उनके बेटे ब्यू और हंटर भी इस दुर्घटना में बुरी तरह घायल हो गए थे। लेकिन इसके बावजूद बि‍डेन ने सीनेट का चुनाव लड़ा और वो जीत गए। 5 जनवरी 1973 को उन्होंने अस्पताल के बेड से ही डेलावेयर के सांसद के तौर पर शपथ ली। तब उनके दोनों बेटे भी उनके साथ अस्पताल में ही भर्ती थे।

आज कुछ लोग जो बि‍डेन की ये कहकर आलोचना करते हैं कि राष्ट्रपति के पद के हिसाब से उनकी उम्र बहुत ज्यादा है। लेकिन जब वो पहली बार सांसद बने थे। तब वो इतनी कम उम्र में ये मुकाम हासिल करने वाले गिने चुने नेताओं में से एक थे।

कार दुर्घटना में पत्नी को खो देने के बाद वो अपने बेटों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताना चाहते थे इसलिए उन्होंने अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी न जाने का फैसला किया। वो रोज ट्रेन से डेलावेयर के विलमिंगटन से वॉशिंगटन तक का 179 किलोमीटर लंबा सफर तय किया करते थे और वो 30 साल तक इसी रूट पर ऐसे ही ट्रेन से अप-डाउन करते रहे।

इसका नतीजा ये हुआ कि इस रूट पर काम करने वाले रेल कर्मचारी उनके परिवार का हिस्सा बन गए और जो बि‍डेन अक्सर इन लोगों के लिए पार्टी आयोजित किया करते थे और इसी वजह से विलमिंगटन के रेलवे स्टेशन का नाम उन्हीं के नाम पर रख दिया गया।

जो बि‍डेन पिछले 33 साल से अमेरिका का राष्ट्रपति बनने की कोशिश कर रहे थे। इस बार वो तीसरी बार राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बने थे। इससे पहले 1987 में वो राष्ट्रपति बनने की दौड़ में शामिल हुए थे। लेकिन किसी दूसरे नेता का भाषण कॉपी करने का आरोप लगने के बाद उन्हें पीछे हटना पड़ा।

2007 में भी वो एक बार फिर अमेरिका का राष्ट्रपति बनने की दौड़ में शामिल हुए। हालांकि इस बार भी उन्होंने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी लेकिन इस बार वो तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ उप राष्ट्रपति के तौर पर व्हाइट हाउस पहुंचे।

वो अमेरिका के 47वें उप राष्ट्रपति बने थे। ओबामा नई पीढ़ी और बदलाव का प्रतीक थे, लेकिन बाइडेन ने नई और पुरानी पीढ़ी के बीच संतुलन साधने की कोशिश की, क्योंकि उनके पास उम्र और अनुभव दोनों थे।

हालांकि बि‍डेन का 47 साल पुराना राजनैतिक करियर विवादों से मुक्त नहीं रहा है। 1978 में उन्होंने एक विवादित कानून का समर्थन किया था और वर्ष 2002 में उन्होंने इराक युद्ध के समर्थन में वोट डाला था। हालांकि इस साल उन्होंने इसे अपनी गलती माना था।

उन्हें क्र‍िपी जो कहकर भी बुलाया जाता है। क्रि‍पी उस व्यक्ति को कहा जाता है जो गलत व्यवहार करता है। बि‍डेन पर कई महिलाओं के साथ अपमानजनक व्यवहार करने के आरोप लग चुके हैं।

1978 में उन पर रंगभेदी होने के भी आरोप लगे थे। 1994 में उन्होंने अपराध रोकने के लिए एक ऐसा कानून बनाने में मदद की थी जिसके बारे में कहा जाता था कि इसके जरिए अश्वेतों को निशाना बनाया जाएगा।
2015 में बि‍डेन के बड़े बेटे ब्यू की ब्रेन कैंसर से मौत हो गई थी। ब्यू बि‍डेन अमेरिकी राजनीति के उभरते हुए सितारे थे और माना जाता था कि शायद वो एक दिन अमेरिका के राष्ट्रपति भी बन सकते हैं।

उनके जीवन में जो भी हादसे हुए उनका जिक्र इस बार उन्‍होंने कई बार अपनी चुनावी रैलियों में भी किया और ऐसा करके पिछले कई वर्षों में उन्होंने अपनी छवि एक अच्छे दिल वाले और परिवार को महत्व देने वाले मध्य वर्गीय नेता के तौर पर बनाई है।

अमेरिका में इस महामारी के दौर में कई परिवार बिखर गए हैं और बहुत सारे लोगों का दर्द वैसा ही है। जैसा बि‍डेन ने झेला है और शायद इसीलिए अमेरिका की जनता ने इस बार मिडिल क्लास जो को अपना नया राष्ट्रपति चुना है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Fact Check: क्या TIME मैगजीन ने चुनाव हारने के बाद डोनाल्ड ट्रंप का इस तरह उड़ाया मजाक, जानिए पूरा सच