अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद वहां से हैरान करने वाले वीडियो सामने आ रहे हैं। हाल में ऐसा ही एक वीडियो अफगानिस्तान के हेरात कस्बे से आया। वीडियो कपड़े की दुकान का है, जिसमें एक शख्स शॉप पर सजी मॉडलनुमा पुतलों (मैनेक्विन) के सिर धड़ से अलग कर रहा है।
मैनेक्विन यानी कपड़ों की दुकानों पर डिस्प्ले के लिए रखे गए पुतले हटाने का ये काम तालिबानी सरकार के 'सदाचार फैलाने और बुराई रोकने वाले मंत्रालय' की पहल है। मंत्रालय इसे मजहब के खिलाफ मानता है, साथ ही एक वजह ये भी है कि मुंह-उघाड़े और हवादार कपड़े पहनी इन खासकर महिला पुतलों को देखकर ईमानपसंद तालिबानी पुरुष भटक सकते हैं।
दुकानों पर लगे मॉडल्स के पुतलों को 'इस्लाम के प्रति अपमानजनक' बताते हुए उनके सिर कलम किए जाने के वीडियो सोशल मीडिया में शेयर किए जा रहे हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि अज्ञात लोग मॉडल्स के पुतलों के सिर को कलम कर रहे हैं। वहीं कुछ लोग वहां खड़े हैं जो अल्लाह हू अकबर के नारे लगा रहे हैं।
इससे पहले पिछले सप्ताह हेरात प्रांत में दुकानों में लगे पुतलों के सिर को काट देने का आदेश जारी किया गया था। दरअसल, तालिबान ने इन पुतलों को 'मूर्ति' करार दे दिया है जो उनके मुताबिक गैर इस्लामी है। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक पुतलों के सिर को काटने का आदेश तालिबान सरकार ने जारी किया है जो इस्लाम की बेहद कड़ी व्याख्या करके उसको देश में लागू कर रही है।
पहले कहा था हटाने के लिए
इससे पहले तालिबान ने पूरी तरह से इन पुतलों को दुकानों से हटाने के लिए कहा था, लेकिन दुकानदारों ने शिकायत की थी कि इससे उनका बिजनस पूरी तरह से ठप हो जाएगा और वे तबाह हो जाएंगे। शिकायतों को सुनने के बाद तालिबानी मंत्रालय के प्रमुख शेख अजीज उ रहमान ने व्यवस्था दी कि केवल सिर को कलम कर दिया जाए। वहीं अफगान व्यापारियों का कहना है कि सिर काटने के बाद भी उनको काफी नुकसान होगा, वह भी तब जब अफगान अर्थव्यवस्था लगभग तबाह हो चुकी है।
अफगान व्यापारी अब्दुल वदूद फैज जादा ने इटली के अखबार रिपब्लिका से कह, इन पुतलों का सिर ढंक देना चाहिए था, न कि उन्हें काट देना चाहिए था।
उन्होंने कहा, 'प्रत्येक पुतले की कीमत 100 या 80 या 70 डॉलर होती है और इनके सिर को काट देने से उनको गंभीर वित्तीय नुकसान होगा।'