इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने बुधवार को कहा कि वह जैश ए मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर पर लगाए गए प्रतिबंधों को तत्काल लागू करेगा। पाकिस्तान ने यह भी कहा है कि वह अजहर पर प्रतिबंध के प्रस्ताव पर तभी राजी हुआ है जबकि पुलवामा हमले के साथ उसे (अजहर को) जोड़ने की कोशिश समेत सभी‘राजनीतिक संदर्भों’को इस प्रस्ताव से हटा दिया गया।
भारत के लिए एक अहम कूटनीतिक जीत के तहत संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान के अजहर को ‘ग्लोबल टेररिस्ट’ घोषित किया। इससे पहले चीन ने उसे काली सूची में डालने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन एवं फ्रांस द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर अपना स्थगन हटा लिया।
अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस फरवरी में अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति में एक प्रस्ताव लाया था। उससे महज कुछ ही दिन पहले जैश ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में भीषण आतंकवादी हमला किया था।
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि पाकिस्तान अजहर पर लगाए गए प्रतिबंधों को तत्काल लागू करेगा। उन्होंने कहा कि तीन बिंदुओं- यात्रा पाबंदी, हथियार पाबंदी और सम्पति पर प्रतिबंध पर औपचारिक कार्रवाई की जाएगी। यह अनिवार्यता है- पाकिस्तान एक जिम्मेदार देश है और हम उपयुक्त कार्रवाई करेंगे।
प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान ने अजहर को आतंकवादी घोषित करने के पिछले प्रस्तावों को खारिज कर दिया था क्योंकि उन प्रयासों में राजनीतिक एजेंडा था और उनका लक्ष्य पाकिस्तान को बदनाम करना था।
फैसल ने कहा कि पाकिस्तान मानता है कि आतंकवाद दुनिया के लिए सिरदर्द है। संरा सुरक्षा परिषद प्रतिबंध समिति सूचीबद्धता नियमों पर आधारित है तथा उसके फैसले आमसहमति से किए जाते हैं।
पाकिस्तान ने इन तकनीकी नियमों का सम्मान करने की जरूरत की सदैव वकालत की है और उसने इस समिति के राजनीतिकरण का विरोध किया है।
उन्होंने कहा कि अजहर को प्रतिबंध सूची में डालने के पिछले प्रस्तावों पर प्रतिबंध समिति में जरूरी आम सहमति नहीं बन पाई, क्योंकि जानकारी उसके तकनीकी मापदंड पर खरा नहीं उतरती थी। इन प्रस्तावों का लक्ष्य पाकिस्तान को बदनाम करना था और उन्हें पाकिस्तान ने खारिज कर दिया था।
उन्होंने कहा कि अजहर को प्रतिबंध सूची में डालने का वर्तमान प्रस्ताव पाकिस्तान तब राजी हुआ जब पुलवामा हमले से उसे जोड़ने की कोशिश समेत राजनीतिक संदर्भों को हटाया गया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के फैसले से कश्मीरियों के संघर्ष पर कोई असर नहीं पड़ेगा और पाकिस्तान उन्हें समर्थन देता रहेगा। (भाषा)