हैम्बर्ग। जर्मनी के हैम्बर्ग शहर में जी-20 बैठक से पहले शुक्रवार को यहां हुई ब्रिक्स देशों की अनौपचारिक बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक-दूसरे से गर्मजोशी से मुलाकात की और अपने वक्तव्यों में एक-दूसरे के बारे में सकारात्मक टिप्पणियां करके वातावरण खुशगवार बनाया।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में ही कहा, सर्वप्रथम राष्ट्रपति शी जिनपिंग के स्वागत भरे शब्दों तथा इस बैठक की मेज़बानी करने के लिए धन्यवाद। मोदी ने इसके बाद आतंकवाद, पश्चिम एशिया, उत्तर कोरिया में तनाव आदि का उल्लेख करने के साथ वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर में सुधार पर संतोष जताया। उन्होंने भारत में इस साल 7 प्रतिशत से अधिक वृद्धि दर की संभावना व्यक्त करते हुए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने का भी उल्लेख किया और कहा कि इससे 1.3 अरब लोगों का एकीकृत बाज़ार बनेगा।
मोदी ने संरक्षणवादी आर्थिक नीतियों के विरुद्ध आवाज़ बुलंद की और पेरिस समझौते को लागू करने एवं आतंकवाद के विरुद्ध वैश्विक कार्रवाई में ब्रिक्स के नेतृत्व पर बल दिया। उन्होंने ब्रिक्स रेटिंग एजेंसी का गठन करने एवं अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों द्वारा संतुलित व्यवहार पर भी जोर दिया।
अंत में मोदी ने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अध्यक्षता में ब्रिक्स की गतिशीलता तथा सकारात्मक प्रगति ने हमारे आपसी सहयोग को और भी गहरा किया है। उन्होंने कहा, अंत में मैं राष्ट्रपति शी जिनपिंग को आगामी नौवें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए शुभकामनाएं तथा पूर्ण समर्थन देता हूं।
चीनी राष्ट्रपति ने अपने वक्तव्य में आतंकवाद के विरुद्ध भारत के दृढ़ संकल्प और उसके अध्यक्षीय काल में संगठन की गतिशीलता की सराहना की। उन्होंने गत वर्ष गोवा में ब्रिक्स शिखर बैठक के निष्कर्षों का भी उल्लेख किया। चीनी राष्ट्रपति ने आर्थिक एवं सामाजिक विकास में भारत की सफलता की सराहना की तथा भविष्य में और प्रगति की कामना की।
बैठक के बाद मोदी और जिनपिंग ने एक-दूसरे से गर्मजोशी से हाथ मिलाया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी प्रधानमंत्री के साथ मौजूद थे। बैठक में रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन भी मौजूद थे। (वार्ता)