बर्लिन। पश्चिमी जर्मनी और बेल्जियम के कई इलाकों में आई विनाशकारी बाढ़ में 120 से ज्यादा लोगों की जान जाने की खबर है। इस भयावह बाढ़ में 1300 से ज्यादा लोग लापता है। लापता या खतरे का सामना कर रहे लोगों की तलाश के लिए तलाशी व राहत अभियान जारी है।
जर्मनी के रिनेलैंड-पलाटिनेट राज्य में अधिकारियों ने कहा कि वहां 60 लोगों की मृत्यु हो गई जिनमें 12 लोग सिनजिग में दिव्यांग आश्रय केंद्र में रहने वाले थे। पड़ोस के उत्तर रिने-वेस्टफालिया राज्य के अधिकारियों ने मृतक संख्या 43 बताई है और चेतावनी जारी की है कि मृतक संख्या बढ़ सकती है।
जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर स्टीनमेयर ने कहा कि वह बाढ़ के कारण हुए विनाश से स्तब्ध हैं और लोगों से मारे गए लोगों को परिजनों तथा इस आपदा में व्यापक नुकसान झेलने वाले शहरों और कस्बों की मदद करने का अनुरोध किया। स्टीनमेयर ने एक बयान में कहा, 'मुश्किल की इस घड़ी में, हमारा देश एक साथ खड़ा है। यह महत्वपूर्ण है कि हम उन लोगों के प्रति एकजुटता दिखाएं जिनसे बाढ़ ने उनका सबकुछ छीन लिया है।'
शुक्रवार को बचावकर्ता कोलोग्ने के दक्षिणपश्चिम में स्थित एफ्ट्सडट शहर में अपने घरों के भीतर फंसे लोगों को निकालने की कोशिश में जुटे रहे। क्षेत्रीय अधिकारियों ने कहा कि कई लोग जमीन खिसकने के चलते घर ढहने के कारण मारे गए जब उनके नीचे की जमीन अचानक धंस गई।
काउंटी प्रशासन के प्रमुख फ्रैंक रॉक ने कहा कि हम पिछली रात 50 लोगों को उनके घरों से निकाल पाए। हम ऐसे 15 लोगों को जानते हैं जिन्हें अब भी बचाए जाने की जरूरत है।
जर्मन प्रसारक एन-टीवी से बात करते हुए रॉक ने कहा कि अधिकारियों के पास अभी इस बात का सटीक आंकड़ा नहीं है कि कितने लोगों की जान गई है। उन्होंने कहा कि यह मानना होगा कि इन परिस्थितियों में कुछ लोग बचने में कामयाब नहीं हो पाए।
जर्मनी में करीब 1,300 लोग अब भी लापता हैं। इन लोगों से संपर्क साधने के प्रयास किए जा रहे हैं। जर्मनी में 100 लोगों की जान जाने के बाद बेल्जियम में सबसे ज्यादा लोगों की जान गई है।
बेल्जियम के गृह मंत्री अन्नेलियेस विरलिंडन के अनुसार देश में मरने वालों का आधिकारिक आंकड़ा बढ़कर 18 हो गया है जबकि 19 लोग लापता बताए जा रहे हैं।