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चीन के खिलाफ हांगकांग में गदर, विश्वविद्यालय परिसर से पुलिस को दूर रखने के लिए प्रदर्शनकारियों ने लगाई आग

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हमें फॉलो करें चीन के खिलाफ हांगकांग में गदर, विश्वविद्यालय परिसर से पुलिस को दूर रखने के लिए प्रदर्शनकारियों ने लगाई आग
, सोमवार, 18 नवंबर 2019 (13:05 IST)
हांगकांग। हांगकांग विश्वविद्यालय में एकत्र लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों ने पुलिस को भीतर आने से रोकने के लिए सोमवार को परिसर के मुख्य द्वार पर आग लगा दी।
 
दरअसल, एक पुलिस अधिकारी को तीर लगने के बाद पुलिस ने चेतावनी दी थी कि यदि उस पर घातक हथियारों का इस्तेमाल किया गया तो वह गोलीबारी करेगी। 6 महीने से अशांत चल रहे शहर में पुलिस की चेतावनी से तनाव और बढ़ गया है। चीन ने बार-बार चेतावनी दी है कि वह असंतोष को सहन नहीं करेगा और इस बात को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है कि चीन इस अशांति को समाप्त करने के लिए सीधा हस्तक्षेप कर सकता है।
हांगकांग पॉलीटेक्निक यूनिवर्सिटी (पॉलीयू) के प्रवेश द्वार पर सोमवार तड़के आग लगने से पहले कई विस्फोट सुने गए जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस को रोकने की कोशिश में आग लगाई। पुलिस ने बताया कि उसने सोमवार तड़के विश्वविद्यालय के निकट एक प्रदर्शन स्थल पर 3 गोलियां चलाईं और ऐसा माना जाता है कि इस दौरान कोई हताहत नहीं हुआ।
 
एक प्रदर्शनकारी की ओर से चलाया गया तीर रविवार को एक पुलिस अधिकारी के पैर में लग गया था। शहर पुलिस ने बताया कि लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों का केंद्र एक विश्वविद्यालय है, जहां सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी झड़प हुई। वैश्विक आर्थिक केंद्र में जून महीने से ही प्रदर्शन जारी है, जहां लोग चीनी शासन के तहत समाप्त हो रही स्वतंत्रता के खिलाफ गुस्से का इजहार कर रहे हैं।
 
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस हफ्ते संकट पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि इससे 'एक देश, दो व्यवस्था' को खतरा है। 1997 में ब्रिटेन द्वारा हांगकांग को चीन के हवाले किए जाने के बाद यहां इसी प्रारूप के तहत शासन चल रहा है।
 
विश्वविद्यालय में रविवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से बचाने और पास के क्रॉस हार्बर सुरंग में नाकेबंदी जारी रखने का संकल्प जताया। यह सुरंग कई दिनों से बंद है। पुलिस ने शाम होते ही सुरंग के ऊपर बने फुटब्रिज को कब्जे में लेने का प्रयास किया, लेकिन इसके विरोध में वहां पेट्रोल बम से हमला शुरू हो गया जिससे काफी आग भड़क उठी।
 
घनी आबादी वाले कावलून जिले में काफी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के आंसू गैस के जवाब में छाते की आड़ में पेट्रोल बम फेंके और हिंसा रात तक जारी रही। इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने हांगकांग पॉलीटेक्निक यूनिवर्सिटी परिसर में पुलिस के घुसने के प्रयास को विफल कर दिया।
 
पुलिस ने तस्वीरें शेयर की हैं जिसमें दिखा कि एक तीर पुलिस अधिकारी के पैर में लगा। पुलिस ने 'घातक हथियारों' के इस्तेमाल की निंदा की और परिसर को 'दंगाग्रस्त' घोषित कर दिया। हांगकांग में दंगे के लिए 10 वर्ष तक जेल की सजा है, लेकिन प्रदर्शनकारी परिसर को प्रदर्शन केंद्र में तब्दील करने के लिए प्रतिबद्ध दिखे। यह अभी तक नेताविहीन आंदोलन है।
 
प्रदर्शनकारियों ने पिछले हफ्ते 'ब्लॉसम एवरीव्हेयर' अभियान चलाया ताकि नाकेबंदी की जा सके और तोड़फोड़ की जा सके जिसके बाद हांगकांग ट्रेन नेटवर्क का बड़ा हिस्सा बंद कर दिया गया और स्कूल तथा मॉल बंद कर दिए गए।
 
प्रदर्शनकारियों ने चीन प्रत्यर्पित करने के एक विधेयक के विरोध में आंदोलन शुरू किया था जिसे बाद में खत्म कर दिया गया था लेकिन इसमें पुलिस अत्याचार जैसे कई मुद्दे भी शामिल हैं। हिंसा भड़कने के कारण इस महीने 2 लोगों की मौत हो गई जबकि उथल-पुथल के कारण वित्तीय केंद्र में मंदी छाई हुई है।

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