Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

भारत-म्यांमार की सीमा ही नहीं, बल्कि भावना भी मिलती है : मोदी

हमें फॉलो करें भारत-म्यांमार की सीमा ही नहीं, बल्कि भावना भी मिलती है : मोदी
, बुधवार, 6 सितम्बर 2017 (21:44 IST)
यंगून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार को भारत के स्वतंत्रता संग्राम के समय भारतीयों का दूसरा घर बताते हुए आज कहा कि दोनों देशों की सीमाएं ही नहीं, बल्कि एक दूसरे की भावनाएं आपस में जुड़ी हुई हैं। 
        
मोदी ने यहां म्यांमार में रह रहे प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों देशों के आपसी संबंध सदियों पुराने हैं। दोनों देशों की सभ्यताएं गंगा, कृष्णा, गोदावरी, ब्रह्मपुत्र और ईरावडी की गोद में विकसित हुई हैं। 
        
उन्होंने दोनों देशों के बीच संबंधों में पांच 'बी' का उल्लेख करते हुए कहा कि ये बुद्ध, बिजनेस, भरतनाट्यम, बॉलीवुड और बर्मा टीक हैं, लेकिन छठा महत्वपूर्ण 'बी' - भरोसा है, जिस पर दोनों देशों के संबंध टिके हैं।         
उन्होंने दोनों देशों के लोगों द्वारा पूजे जाने वाले देवी-देवताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि म्यांमार को ब्रह्मा का देश भी कहा जाता है। म्यांमार ने भारत में जन्मे बौद्ध धर्म को पाला पोसा है और इसे यहां के शिक्षकों और भिक्षुओं ने सहेजा है।
       
प्रधानमंत्री ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान म्यांमार आने वाले नेताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत का इतिहास म्यांमार के उल्लेख के बिना पूरा नहीं होता है। इसके लिए उन्होंने महात्मा गांधी, सुभाषचंद्र बोस, बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय, गुरुवर रवीन्द्रनाथ टैगोर आैर बहादुर शाह जफर का उल्लेख किया।       
मोदी ने कहा कि भारत अपनी विकास यात्रा का अनुभव दूसरे देशों के साथ भी साझा करता है। म्यांमार को लोकतांत्रिक अनुभव का लाभ दिया जा रहा है। अफ्रीका, दक्षिण एशिया और विकासशील देशों को भी इन अनुभवों का फायदा मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आपदा के समय भारत सबसे पहले पहुंचता है और वह 'वसुधैव कुटुम्बकम' यानी  'पूरा विश्व एक परिवार' की परंपरा को मानता है और इसपर गर्व करता है।
       
उन्होंने फिजी, नेपाल, श्रीलंका, मालदीव और म्यांमार को दी गयी मदद का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत अच्छे पड़ोसी का कर्तव्य निभाता है। मोदी ने पूर्वोत्तर राज्यों को पूर्वी एशिया का प्रवेश द्वार बताते हुए कहा कि यह म्यांमार में खुलता है। 
 
सरकार ने 1600 करोड़ रुपए की इम्फाल-मोरे सड़क परियोजना को मंजूरी दी है। इससे मणिपुर और म्यांमार के बीच आवागमन आसान हो जाएगा। उन्होंने यातायात गलियारे का जिक्र करते हुए कहा कि इससे पूरे क्षेत्र का परिदृश्य बदलेगा। प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को उल्लेख करते हुए कहा कि भारत से अपर म्यांमार में हाई स्पीड डीजल की आपूर्ति शुरू हो चुकी है। (वार्ता) 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मुकेश अंबानी ने जियो कर्मचारियों को कहा 'शुक्रिया'