काठमांडू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत एकजुट, समृद्ध और मजबूत नेपाल का समर्थक है। उन्होंने चारों तरफ से स्थल से घिरे नेपाल को जल-थल संपर्क वाला देश बनाने का आह्वान किया। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के साथ अकेले में बैठक के बाद मोदी ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही।
उसके बाद दोनों पक्षों के बीच लंबी प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। इस दौरान दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय रिश्तों के सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। मोदी ने कहा, भारत एकजुट, समृद्ध और मजबूत नेपाल का समर्थन करता है। उन्होंने यह बात ओली की इस टिप्पणी के बाद की कि नेपाल की इच्छा द्विपक्षीय भरोसे पर मजबूत संबंध सृजित करने की है ताकि यह कभी-कभार होने वाले किसी मतभेदों से प्रभावित नहीं हो जो पड़ोसियों के बीच स्वाभाविक है।
स्पष्ट रूप से ओली का इशारा 2015 में नेपाल द्वारा नए संविधान अपनाए जाने के बाद द्विपक्षीय संबंधों में आया तनाव था। इससे नेपाल सात प्रांतीय इकाइयों में तब्दील हुआ और मधेसियों को हाशिए पर डाल दिया गया। बहुसंख्यक मधेसी भारतीय मूल के हैं और तराई में रहते हैं। उसके बाद सितंबर 2015 से फरवरी 2016 के बीच छह महीने तक लंबा आंदोलन चला था।
ओली के पहले कार्यकाल में हुए उस आंदोलन में 50 से अधिक लोग मारे गए थे। ओली ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी और मैंने द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर वार्ता पूरी की। यह बातचीत सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई...। उन्होंने कहा कि दोनों देश सभी मामलों को 19 सितंबर तक सुलझाने पर राजी हुए हैं। 19 सितंबर नेपाल का संविधान दिवस है।
ओली ने कहा, हम अपने रिश्तों को समानता, द्वपिक्षीय भरोसे, सम्मान तथा लाभ के आधार पर आगे बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं। पड़ोसी देशों के बीच संबंध अन्य के मुकाबले अलग होता है। हमारी विदेश नीति में पड़ोसी को शीर्ष प्राथमिकता दी गई है।
इस पर मोदी ने कहा कि वर्ष 2014 में सत्ता संभालने के बाद यह उनकी तीसरी नेपाल यात्रा है और यह बताता है कि उनकी सरकार नेपाल के साथ रिश्तों को प्रगाढ़ बनाने को लेकर काफी प्रतिबद्ध है। उन्होंने चारों तरफ से स्थल से घिरे नेपाल को जल-थल संपर्क वाला देश बनाने का आह्वान किया। मोदी ने नेपाल में 2015 में नए संविधान के लागू होने के बाद लगातार तीन सफल चुनावों की सराहना की। (भाषा)