पिछले साल ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध में रेड मीट की जगह कॉकरोचों को खाने की सलाह दी गई थी। शोध में यहां तक कहा गया था कि प्रोटीन के लिए रेड मीट खाने से कॉकरोच खाना बेहतर है क्योंकि इनमें बहुत अधिक प्रोटीन पाया जाता है।
अब भारतीय वैज्ञानिकों ने भी बताया है कि कॉकरोच का दूध गाय के दूध चार गुना अधिक लाभदायक होता है और पीने वाले को शक्तिशाली भी बनाता है। इतना ही नहीं, वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि इस तरह का दूध पैसिफिक बीटल कॉकरोच से हासिल किया जा सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस दूध का इस्तेमाल प्रोटीन सप्लीमेंट के तौर पर भी किया जा सकता है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि कॉकरोच का दूध न केवल लाभदायक है वरन यह अपने आप में एक सुपरफूड भी है। कॉकरोच कीडों की एकमात्र ऐसी प्रजाति है जिसके बच्चे हमेशा जवान रहते हैं।
वैज्ञानिकों ने ऑक्सफोर्ड में किए अपने शोध में पाया है कि कॉकरोचों के शरीर में एक ऐसा दूध बनता है जिसमें प्रोटीन क्रिस्टल्स होते हैं और बहुत ताकत देने वाले भी होते हैं।
इस अध्ययन के लेखक ने एक समाचार पत्र को बताया कि ये क्रिस्टल अपने आप में सम्पूर्ण भोजन होते हैं और इनमें प्रोटीन, फैट और शुगर की काफी मात्रा होती है। अगर इनमें पाए जाने वाले प्रोटीन सीक्वेंस को देखा जाए तो आपको ज्ञात होगा कि इनमें सभी प्रकार के जरूरी अमीनो एसिड मौजूद होते हैं।
प्रोटीन के और भी कई लाभ हैं लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह है कि यह लंबे समय तक एनर्जी के लेवल को बनाए रखता है। वैज्ञानिकों ने उम्मीद जाहिर की है कि पैसिफिक बीटल कॉकरोच के इस दूध का इस्तेमाल प्रोटीन सप्लीमेंट के रूप में भी किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि इस अध्ययन की विस्तृत रिपोर्ट इंटरनेशनल यूनियन ऑफ क्रिस्टलोग्राफी जर्नल में प्रकाशित की गई है। इससे पहले भी कई बार कीट पतंगों को सुपरफूड के तौर पर इस्तेमाल करने की बात कही गई है।