काठमांडू। पानीपूरी (गोलगप्पे) हम सभी के द्वारा चाव से खाया जाने वाले स्ट्रीट फूड में से एक है। चार यार जब मिलते हैं तो ठेले पर जाकर पानीपूरी खाने का प्लान बन ही जाता है। ये एक ऐसा व्यंजन है जिसे भारत के साथ-साथ अन्य कई देशों के लोग पसंद करते हैं। लेकिन, इसी बीच दुनिया का एक देश ऐसा भी है, जहां पानीपूरी बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस खबर को सुनकर सोशल मीडिया पर दुनियाभर के लोगों हैरान हैं कि आखिर पानीपूरी से किसी की क्या दुश्मनी हो सकती है? आइए जानते हैं कि नेपाल सरकार ने पानीपुरी पर प्रतिबंध क्यों लगाया।
हैजा का संक्रमण है कारण:
ये फैसला नेपाल की काठमांडू घाटी में हैजा (Cholera) के बढ़ते मामलों को देखते हुए लिया गया है। सरकार ने नेपाल की ललितपुर मेट्रोपॉलिटन सिटी और उसके आस-पास के कई इलाकों में गोलगप्पे की बिक्री पर अगले आदेश तक के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। नेपाल के स्वास्थ्य अधिकारियों ने हाल ही में जारी की गई एक रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि पानीपूरी में इस्तेमाल किए जाने वाले पानी में हैजा के बैक्टीरिया मिले हैं, जिसकी वजह से पानीपूरी खाने वाले लोग भारी मात्रा में इस बीमारी के संपर्क में आ रहे हैं।
अब तक 12 लोग हैजा संक्रमित:
उल्लेखनीय है कि काठमांडू घाटी में 7 और लोगों में हैजा पाया गया है, जिसके साथ घाटी में मरीजों की संख्या 12 हो गई है। सभी हैजा संक्रमितों का इलाज घाटी के टेकू स्थित सुकरराज ट्रॉपिकल एंड इंफेक्शियस डिजीज अस्पताल में चल रहा है। इसके साथ नेपाल के स्वास्थय एवं जनसंख्या मंत्रालय ने लोगों से हैजा का कोई भी लक्षण दिखने पर नजदीकी अस्पताल में जाकर जांच कराने और सतर्क रहने की अपील की है। ललितपुर के नगर पुलिस प्रमुख के अनुसार - पुलिस ने शहर में पानीपूरी की बिक्री रोकने के लिए आतंरिक तैयारियां भी की हैं।